पतंगबाजी की शुरुआत
पतंग का इतिहास लगभग 2000 साल से भी अधिक पुराना है। माना जाता है कि सबसे पहले पतंग का आविष्कार चीन के “:शानडोंग” में हुआ। इसे पतंग का घर के नाम से भी जाना जाता है। एक कहानी के मुताबिक, एक चीनी किसान अपनी टोपी को हवा में उड़ने से बचाने के लिए उसे एक रस्सी से बांध कर रखता था, इसी सोच के साथ पतंग की शुरुआत हुई। माना जाता है कि पतंग का आविष्कार ईसा पूर्व तीसरी सदी में चीन में हुआ था। दुनिया की पहली पतंग एक चीनी दार्शनिक “हुआंग थेग” ने बनाई थी।मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनाई जाती है?
मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने की परंपरा कई धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी हुई है। खिचड़ी को सूर्य और शनि गृह से जुड़ा हुआ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन खिचड़ी खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। खिचड़ी दाल, चावल और सब्जियों से मिलकर बनती है, जो संतुलित और पौष्टिक आहार है। सर्दियों में शरीर को गर्म और ऊर्जा देने वाला भोजन माना जाता है। खिचड़ी के साथ तिल-गुड़ का सेवन किया जाता है, जो पाचन और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी दान करना बहुत शुभ माना जाता है। गंगा स्नान और खिचड़ी दान का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी है।कहां कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति
तमिलनाडुउत्तर भारत की तरह ही दक्षिण भारत में भी मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इसका रूप और परंपराएं अलग हो जाती हैं। तमिलनाडु में मकर संक्रांति पोंगल के रूप में मनाई जाती है। पोंगल का त्योहार चार दिनों तक चलता है। पोंगल के दौरान किसान अपने बैलों को सजाकर उनकी पूजा करते हैं। साथ ही पोंगल पर कृषि से जुड़ी अन्य चीजोंं की पूजा की जाती है। ये त्योहार कृषि उत्पादकता और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
केरल में मकर संक्रांति का नाम मकर विलक्कू है। इस दिन यहां सबरीमाला मंदिर के पास एक मकर ज्योति आकाश में दिखाई देती है। लोग उसके दर्शन करते हैं। वहीं कर्नाटक में इस त्योहार को एलु बिरोधु के नाम से जाना जाता है। यहां इस दिन महिलाओं द्वारा कम से कम 10 परिवारों के साथ गन्ने, तिल, गुड़ और नारियल से बनाई चीजों का आदान-प्रदान किया जाता है। आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति का पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर यहां पुरानी चीजें फेंककर नई लाई जाती हैं।
पंजाब में मकर संक्रांति माघी के रूप में मनाई जाती है। माघी पर श्री मुक्तसर साहिब में एक मेला लगता है। यहां लोग इस दिन नाचते गाते हैं। यहां इस दिन खिचड़ी, गुड़ और खीर खाने की परंपरा है। गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है। उत्तरायण दो दिनों तक चलता है। गुजरात में उत्तरायण पर काइट फेस्टिवल होता है। उत्तरायण पर यहां उंधियू और चिक्की व्यंजन खाया जाता है। वहीं राजस्थान और गुजरात में इसे संक्रांत कहा जाता है। यहां महिलाओं द्वारा एक अनुष्ठान का पालन किया जाता है, जिसमें वो 13 विवाहित महिलाओं को घर, श्रृंगार या भोजन से संबंधित चीजें देती हैं।