शिवसेना अड़ी, भाजपा डटी
सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से पिछली बार उपमुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस के पास गृह विभाग था उसी तरह शिंदे डिप्टी सीएम के साथ गृह विभाग चाहते हैं। उनका तर्क है कि गृह विभाग मिलने पर ही वह सीएम पद छोड़ डिप्टी सीएम बनने का औचित्य शिवसैनिकों को समझा पाएंगे। शिवसेना सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री के साथ डिप्टी सीएम होने से ही यह पद ताकतवर है अन्यथा सामान्य। शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी को गृह विभाग चाहिए। उधर, अचानक अपने गांव गए शिंदे की तबियत नासाज है और डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है।
बीजेपी समझौते को तैयार नहीं
सूत्रों के अनुसार भाजपा शिंदे को गृह विभाग देने को तैयार नहीं है। उसका मानना है कि गृह विभाग से सरकार की हनक होती है और कानून-व्यवस्था से पूरे शासन की छवि बनती और बिगड़ती है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पिछली बार बीजेपी को 105 विधायक होने के बावजूद 40 विधायकों वाले शिंदे को सीएम बनाना पड़ा था, तब भी गृह विभाग पर पार्टी ने कब्जा नहीं छोड़ा था। अब रेकॉर्ड 132 सीटें जीतने पर गृह विभाग छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। आगे की रणनीति के कारण सम्मान
महाराष्ट्र में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए। बीजेपी के पास 132 हैं और 4 निर्दलीय विधायक समर्थन दे चुके हैं। एनसीपी के अजित पवार ने किसी भी तरह का कोई पेंच नहीं फंसाया है। बीजेपी चाहे तो दोनों सहयोगियों के बगैर भी सरकार बनाने की ओर बढ़ सकती है। लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पास बहुमत नहीं होने, शिवसेना के पास आठ सांसद होने तथा आने वाले बीएमसी चुनाव आने को देखते हुए बीजेपी शिंदे की हर मांग पर सम्मानपूर्वक विचार कर रही है।