350 जातियों के नेताओं को साधा
लोकसभा चुनाव में जिस तरह से महाराष्ट्र् में विपक्ष के संविधान खतरे में नैरेटिव के कारण दलित और बौद्ध मतदाताओं का बड़ा वर्ग कांग्रेस नेतृत्व महाविकास अघाड़ी की तरफ शिफ्ट हुआ था। ऐसे में भाजपा ने नतीजों के तुरंत बाद दलित और ओबीसी वर्ग की 350 प्रमुख जातियों के नेताओं से मीङ्क्षटग शुरू की। दलित बहुल इलाकों में भाजपा ने संविधान यात्राएं निकालीं। गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशन में चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने 3 महीने तक लगातार अलग-अलक जातियों के नेताओं के साथ बैठकें कर उन्हें पार्टी के साथ लाने में सफल रहे और जिसके जरिए वंचित समाज में संविधान और आरक्षण को लेकर फैले भय और भ्रम को पार्टी दूर करने में सफल रही।पर्चियोंसे फीडबैक, तालमेल पर जोर
भाजपा नेतृत्व ने 10 हजार आम कार्यकर्ताओं से पर्चियों के जरिए 5 से 6 सुझाव मांगे थे। हर जिले के कार्यकर्ताओं से पार्टी ने फीडबैक लेकर समय रहते कमियां दूर कीं। खास बात है कि भाजपा ने हर विधानसभा में गठबंधन के तीनों दलों के नेताओं की कॉर्डिनेशन कमेटियां बनाईं। जिससे तालमेल का संकट खड़ा नहीं हुआ।महिला, मध्यवर्ग और किसानों को साधा
महिला मतदाताओं को साधने के लिए चलाई गई लाडक़ी बहिन योजना सफल रही। चुनाव से पहले तक ढाई करोड़ महिलाओं के खाते में तीन बार 1500-1500 रुपये भेजकर महायुति सरकार ने विश्वसनीयत हासिल की।उसे इसका लाभ मिला। टोल टैक्स हटाने, वृद्धावस्था पेंशन बढाने और प्याज एक्सपोर्ट से जुडी़ं शर्तें हटाने, ऋण माफी आदि एलानों से महायुति सरकार किसानों और मध्यवर्गीय मतदाताओं को भी साधने में सफल रही। यही वजह रहा कि पश्चिम महाराष्ट्र् और मराठवाड़ा में भी महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया।। लोकसभा चुनाव में जीत की खुमारी, अति आत्मविश्वास, कुर्सी के सपने देखते नेताओं में तालमेल की कमी और घिसे-पिटे मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में उतरने के कारण महाराष्ट्र में एमवीए का बेड़ा गर्क हो गया। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के रूप में चुनाव लड़ रहे इंडिया ब्लॉक ने जिस एकजुटता के साथ मुद्दों को उठाते हुए महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ा, उसका पचास फीसदी प्रयास भी विधानसभा चुनाव में नजर नहीं आया। चुनाव जीतने से पहले टिकट बंटवारे के दौरान ही मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान शुरू हो गई, जिसका असर चुनाव अभियान पर पड़ा। आखिर में इंडिया ब्लॉक के तीनों ही दलों को बुरी हार का सामना करना पड़ा है।