इनमें शिंदे की शिवसेना (Shivsena Shinde) ने 36 सीटें जीती जबकि शिवसेना यूबीटी (Shivsena UBT) महज 14 सीट जीतने में सफल रही। दो सीटें अन्य के खातों में गई। इसी तरह अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाली एनसीपी ने उनके चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (एसपी) को 29 सीटों पर हराया। 59 सीटों पर लड़ी एनसीपी (NCP) ने 41 सीटें जीतीं जबकि उनके चाचा शरद की पार्टी 86 सीटों पर लड़कर महज 10 सीटों पर ही जीत सकी।
परिवार के लोग ही हो गए आमने सामने
शरद पवार की एनसीपी पिछले वर्ष उस वक्त दो फाड़ हो गई, जब अजित के साथ 41 विधायक महायुति की सरकार में शामिल हो गए। तभी से परिवार में प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई। इस वर्ष लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपनी भाभी अजित की पत्नी सुनेत्रा को हराकर बारामती सीट जीती थी। चुनाव में 75 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला था। इनमें भाजपा ने 65 सीटें जीती जबकि कांग्रेस महज 10 सीट ही जीत सकी। कांग्रेस की यह हार इसलिए भी शर्मनाक है क्योंकि इसी वर्ष लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों पर वह 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।यह भी पढ़ें – Supreme Court : 18 काम के दबाव के चलते जजों से होती हैं गलतियां, जानें, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा