भाजपा भारी पर शिंदे गुट भी ठोक रहा दावा
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सोमवार को फडणवीस के नाम को मंजूरी दे दी और इस प्रस्ताव को शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना और पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी मंजूरी दे दी। भाजपा ने कुछ प्रमुख विभाग देने का वादा कर शिंदे को राजी कर लिया है। हालांकि, शिवसेना के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, ‘फडणवीस को सीएम बनाने पर हमसे कोई परामर्श नहीं हुआ है और हमारी पार्टी अभी तक सीएम के लिए किसी नाम पर सहमत नहीं हुई है।’भाजपा भारी पर शिंदे गुट भी ठोक रहा दावा
अकेले 133 सीट जीतने के कारण भाजपा का पलड़ा भारी है और पार्टी अपना मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में है, लेकिन शिंदे गुट रणनीति के तहत मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक रहा है। शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने सोमवार को महाराष्ट्र में बिहार फॉर्मूले की तरह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी। उधर, भाजपा एमएलसी प्रवीण दरेकर ने सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को सबसे उपयुक्त बताते हुए पलटवार भी किया। यह भी पढ़ें
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मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एनसीपी सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने बहुत बड़ा जनादेश दिया है। आगे के फैसले बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर लिए जाएंगे। अजित पवार ने सतारा में कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर महायुति में चर्चा चल रही है। उन्होंने जीत का श्रेय लाडकी बहिन योजना और गठबंधन की एकजुटतता को दी है। वहीं, एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने इसे विकास की जीत करार दिया है।
बड़े शपथग्रहण समारोह की तैयारी
आदर्श स्थिति यही होती कि 26 नवंबर (मंगलवार) को विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले शपथ हो जाती, लेकिन अब यह महीने के आखिर तक होने के हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़ी जीत के कारण बड़े आयोजन की तैयारी है। भाजपा ने अब तक विधायक दल की बैठक की तारीख और ऑब्जर्वर के नाम तय नहीं किए हैं। पहले महाराष्ट्र के तीनों नेताओं फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ भाजपा नेतृत्व की रविवार की देर रात बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन इसे टाल दिया गया। दिल्ली के एक निजी समारोह के बहाने सोमवार की रात तीनों नेता दिल्ली पहुंच सकते हैं और इस दौरान देर रात उनकी भाजपा नेतृत्व के साथ होने वाली बैठक में सरकार गठन पर चर्चा हो सकती है।गृह और वित्त पर भाजपा का रहेगा जोर
-सूत्रों ने कहा कि शिवसेना को करीब 12 मंत्री पद मिल सकते हैं और कुछ प्रमुख विभाग दिए जा सकते हैं। एनसीपी को भी करीब 10 मंत्री पद मिलने की बात कही जा रही है। महाराष्ट्र में मंत्रिपरिषद के लिए अधिकतम स्वीकार्य सीमा 43 है, जिसमें सीएम भी शामिल हैं। 132 विधायकों वाली भाजपा के पास 21 मंत्री पद होने की संभावना है।-सूत्रों ने कहा कि गृह, वित्त, शहरी विकास और राजस्व विभाग भाजपा अपने पास रखना चाहती थी। अब ये विभाग गठबंधन सहयोगियों के साथ साझा किए जाएंगे। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, भाजपा गृह और वित्त पर जोर दे सकती है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, मंत्री पद और विभागों की संख्या पर कुछ अंतिम समय की बातचीत अभी भी जारी है।
-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सत्ता के बंटवारे और मंत्रिमंडल की संरचना पर चर्चा के लिए शिंदे, फडणवीस और पवार के साथ सोमवार को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है और उसके बाद किसी घोषणा की उम्मीद है। भाजपा नेतृत्व ने अपने सहयोगियों को आश्वासन दिया है कि उनकी चिंताओं को यथासंभव समायोजित किया जाएगा।