गठबंधनों में विरोधाभास
महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव इस बार अलग तरह का है, जहां छह प्रमुख दल मैदान में है। एक तरफ भाजपा, शिवसेना (शिंदे) व एनसीपी (अजीत) की महायुति है तो दूसरी तरफ कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी शरद की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए)है। जहां एनसीपी (अजीत) की सियासत कांग्रेस से मेल खाती हुई है तो शिवसेना (उद्धव )की सियासत भाजपा से मिलती-जुलती है। ऐसे में कठोर हिंदुत्व के एजेंडे पर इन दोनों ही दलों की प्रतिक्रिया में विरोधाभास दूसरे सहयोगी दलों को परेशान कर सकता है। यह भी पढ़ें
LPG Cylinder: दिवाली-छठ पर महंगाई की मार, गैस सिलेंडर महंगा हुआ, 4 महीनों में 156 रुपए की बढ़ोतरी
-खरगे के बयान से मिला भाजपा को मौका
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का चुनावी वादों (गारंटियों)से पीछे हटने को लेकर कर्नाटक सरकार को नसीहत देने का बयान आते ही भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने का मौका मिल गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला कर दिया। वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से तथ्यात्मक जवाब दिलवाए। यह भी पढ़ें
विधानसभा चुनाव से पहले BJP को बड़ा झटका, 3 बार विधायक रहे ब्रह्म सिंह तंवर ने दीपावली पर थामा ‘AAP’ का हाथ
-हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने पर जोर
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र व झारखंड में लगे झटके से उबरने की कोशिश में भाजपा अब पूरे दमखम के साथ हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने पर लगी हुई है। खासतौर पर झारखंड में यह कार्ड जमकर खेला जा रहा है। जहां पार्टी के सहप्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिंमंता बिस्व सरमा हुसैनाबाद, बाबर का नाम लेकर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा के प्रचार और घोषणा पत्र में बांग्लादेशियों के बहाने अल्पसंख्यकोंं पर प्रहार के जरिये भी हिंदू वोटों को लामबंद किया जा रहा है। सरमा के बयानों की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की है।महाराष्ट्र
महायुति का फोकस इन मुद्दों पर
-हिंदू एकजुटता, बंटेंगे तो कटेंगे-अपने कार्यकाल की उपलब्धियां, स्थायी सरकार
-युवाओं व महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाएं
-ओबीसी में शामिल की गई जातियां
-एमवीए में एकजुटता व भरोसा नहीं
महाविकास अघाडी (एमवीए) के मुद्दे
-कर्नाटक, तेलंगाना की तरह कल्याण की गारंटी योजनाएं-शिंदे सरकार पर 15 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप
-मराठी अस्मिता का मुद्दा, संसाधन गुजरात ले जाने का आरोप
-जातिगत जनगणना, संविधान खतरे में
-मराठा आरक्षण के मुद्दे को हवा