राष्ट्रीय

Elections Result: क्या राहुल गांधी का नेतृत्व कमजोर? महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव परिणामों ने Congress को दिया झटका

Elections Result 2024: महाराष्ट्र (Maharashtra) और झारखंड (Jharkhand) दोनों ही चुनावी राज्य में कांग्रेस (Congress) अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई है। जबकि, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पूरी तरह से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के निर्देशन में ही चुनाव लड़ रही थी। राहुल गांधी ही कांग्रेस के चुनाव के मुद्दे भी तय कर रहे थे।

नई दिल्लीNov 23, 2024 / 07:01 pm

Akash Sharma

Rahul Gandhi

Elections Result 2024: महाराष्ट्र (Maharashtra) और झारखंड (Jharkhand) विधानसभा के चुनाव के साथ 15 राज्यों की 46 विधानसभा और लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए। महाराष्ट्र में जहां महायुति ने भारी बहुमत हासिल की है। वहीं, झारखंड में सत्ता में एक बार फिर से इंडी गठबंधन की वापसी हो रही है। हालांकि, कांग्रेस के इन चुनावों में परिणाम एक बार फिर फिसड्डी जैसे साबित हुए। दोनों ही चुनावी राज्य में कांग्रेस अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई है। जबकि, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पूरी तरह से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के निर्देशन में ही चुनाव लड़ रही थी।

झारखंड और महाराष्ट्र में कांंग्रेस का हाल बेहाल

झारखंड में जो गठबंधन सत्ता में लौट रही है, उसमें कांग्रेस शामिल तो है लेकिन, वह गठबंधन की दूसरी बड़ी सहयोगी दल के नाते। वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस को जिस तरह की हार का सामना करना पड़ा है, वह पार्टी के लिए चिंता का विषय है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मिलकर कांग्रेस, शिवसेना (UTB) और NCP (शरद) को इतनी बड़ी शिकस्त दी है, जिसका सपना भी इन तीन दलों ने कभी नहीं देखा होगा। प्रदेश की जनता ने अपनी वोट की ताकत से वहां चाणक्य शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले के गठबंधन को पीछे धकेल दिया है।

कांग्रेस महाराष्ट्र में भूली स्थानीय मुद्दे

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी राहुल गांधी संविधान को खतरे में बता रहे थे। जाति जनगणना कराने का वादा कर रहे थे और ओबीसी रिजर्वेशन की सीमा बढ़ाने की वकालत कर रहे थे। वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में लोकसभा वाला फॉर्मूला चला रहे था। कांग्रेस खुद ही इस बात को भूल गई थी कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और यह चुनाव स्थानीय मुद्दों के सहारे जीता जा सकता है, ना कि राष्ट्रीय मुद्दों के सहारे। अगर परिणाम और रूझान यही रहे तो महाराष्ट्र में भाजपा 132 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहेगी, जो पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहेगा।

BJP का महराष्ट्र में सबसे बेहतर प्रदर्शन

2014 में बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 122 सीटें जीती थी। जिसके बाद यह उसका सबसे बेहतर प्रदर्शन होगा। क्योंकि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में हुई खामियों से सबक लिया। भाजपा ने यहां जमीनी मुद्दों पर फोकस किया। नरेंद्र मोदी सरकार ने प्याज एक्सपोर्ट से पाबंदी हटाई। सोयाबीन किसानों को लेकर बड़े फैसले किए गए। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना का आगाज किया। जो गेम चेंजर साबित हुआ। संघ के गढ़ विदर्भ में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के लिए देवेंद्र फडणवीस के आग्रह पर संघ ने खुलकर बीजेपी के लिए बैटिंग की। इस चुनाव में रही सही कसर पीएम मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे ने पूरी कर दी।

दोनों राज्य में कांग्रेस अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई

दोनों ही चुनावी राज्य में कांग्रेस अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई है। जबकि, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पूरी तरह से राहुल गांधी के निर्देशन में ही चुनाव लड़ रही थी। राहुल गांधी ही कांग्रेस के चुनाव के मुद्दे भी तय कर रहे थे। झारखंड में कांग्रेस ने पिछला चुनाव 31 सीटों पर लड़ा था। उसे 16 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि, इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 30 सीटों पर चुनाव लड़ी है, लेकिन अभी वह 16 सीटों पर आगे चल रही है। मतलब कांग्रेस के स्ट्राइक रेट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।दूसरी तरफ कांग्रेस महाराष्ट्र में महायुति में शामिल तीन दलों में से भी किसी का मुकाबला नहीं कर पा रही है। महाराष्ट्र में इस बार कांग्रेस ने 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और 16 पर वह जीत की ओर अग्रसर है। जबकि, कांग्रेस ने पिछला चुनाव 147 सीटों पर लड़कर 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में जमकर पसीना बहाया था। ऐसे में यह पार्टी के लिए समीक्षा का दौर है कि आखिर उनके पक्ष में अपेक्षाकृत परिणाम क्यों नहीं आए। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में नंदुरबार, धामनगांव रेलवे, नागपुर ईस्ट, गोंदिया, चिमूर, नांदेड़ नॉर्थ और बांद्रा ईस्ट सीट पर चुनावी रैलियां की थी, जिसमें आई भीड़ को देखकर कांग्रेस का विश्वास चरम पर था।

राहुल गांधी के नेतृत्व में कोई बड़ा कमाल नहीं दिखा पाई पार्टी

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में जिन सात विधानसभा सीटों पर चुनावी रैलियां की थी, उनमें से केवल एक पर महाविकास अघाड़ी के प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं, यानी राहुल गांधी की जनसभा में आई भीड़ वोटों में तब्दील नहीं हो सकी। राहुल गांधी ने राजनीति में 20 साल का सफर तय कर लिया है। राहुल ने 2004 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था और उसके बाद 2014 तक कांग्रेस सत्ता में रही। हालांकि, उस दौरान सोनिया गांधी कांग्रेस का नेतृत्व कर रही थीं। इसके बाद कांग्रेस की निर्भरता राहुल गांधी पर बढ़ती गई और कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार गिरता गया। एक-दो राज्यों के चुनाव को छोड़ दें तो कांग्रेस राहुल के नेतृत्व में कोई कमाल नहीं दिखा पाई। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे ने यह साबित कर दिया कि राहुल गांधी कांग्रेस के लिए अभी भी बहुत संभावनावान नेता नहीं हैं।
ये भी पढ़ें: ‘मैं संसद में आपकी आवाज बनने के लिए उत्सुक हूं’, Priyanka Gandhi Vadra ने वायनाड की जनता को लिखा थैक्यू पोस्ट

Hindi News / National News / Elections Result: क्या राहुल गांधी का नेतृत्व कमजोर? महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव परिणामों ने Congress को दिया झटका

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.