सौरभ चंद्राकार को दुबई में जिस घर में नजरबंद किया गया है, वहां बाहर से ताला लगा दिया गया है। यह माना जा रहा था कि सौरभ चकमा देकर कभी भी कहीं और भाग सकता था। भारत सरकार के अनुरोध पर उसपर यूएई के अधिकारी लगातार नजर बनाए हुए थे। अब यह माना जा रहा है कि जल्द ही उसके भारत को प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
क्या है महादेव ऐप घोटाला?
एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बैंकर के कई बार शिकायत करने के बाद 6 नवंबर 2023 को मुंबई मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने पुलिस को इस मामले की जांच का आदेश दिया था। प्रकाश ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 से ऐप के जरिए 15,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में महाराष्ट्र जुआ रोकथाम और आईपीसी के तहत दर्ज एफआईआर की गई थी। उनकी शिकायत के अनुसार इस सिंडिकेट ने क्रिकेट मैचों में हेरफेर करने की कोशिश की है। इस हेरफेर के चलते सौरभ चंद्राकर और उनके सहयोगियों की कमाई हर रोज करोड़ों में होती थी। इस कारोबार के जरिए हर महीने 90 करोड़ की कमाई का दावा किया गया था।
कॉल सेंटर के जरिए चलता था कारोबार
महादेव ऐप का कारोबार भारत के छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के बड़े शहरों में चल रहा था। इस ऐप के करीब 30 कॉल सेंटर खोले गए थे। पूरे भारत में इसके करीब 1200 ब्रांच होने के दावे किए जा रहे हैं। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से हिंदुस्तान में ऐप का कारोबार चलाया जा रहा था। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हर ब्रांच को फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर का दाहिना हाथ था और इस काम में उसका पार्टनर भी। इस घोटाले के उजागर होते ही बॉलीवुड की कई हस्तियों और कई सेलिब्रेटी का नाम सामने आया था।
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