पुलिस ने गिरफ्तार मदरसा शिक्षक के पास से कुछ मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। सूत्रों के मुताबिक मुस्तफा पर अपने मदरसे से आतंकी मॉड्यूल को अंजाम देने का शक था। मोरीगांव की पुलिस अधीक्षक (एसपी) अपर्णा एन. ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि मुस्तफा से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे दोपहर में अदालत में पेश किया।
एसपी बोली- पूछताछ के बाद दी जाएगी आगे की जानकारी-
इस बीच पुलिस ने इसी जिले के सरूचला इलाके में एक अन्य बालिका मदरसे में भी छापेमारी की है। उस मदरसे के पांच शिक्षकों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया गया। मामले में एसपी अपर्णा ने कहा कि उनसे पूछताछ जारी है, हमने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। उसने यह भी कहा कि आगे की जांच के बाद ही अधिक जानकारी दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री हेमंत बिश्वा सरमा ने मामले में दी यह प्रतिक्रिया-
पता चला है कि दोनों मदरसे जिले के अंदरूनी इलाकों में स्थित थे। विकास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा संचालित मदरसे पहले ही बंद कर दिए गए हैं। ये दो धार्मिक मदरसे हैं। हमने पहले ही एक को सील कर दिया है और जिला प्रशासन को बच्चों को वहां से स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है।
असम के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए प्रकाशित हो रही थी पत्रिका-
इस बीच, असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा ने पूर्वोत्तर भारत में अपना आधार बढ़ाने के संकेत दिए हैं। हाल ही में, अल-कायदा नेता जवाहिरी ने अपने समूहों को असम में घुसपैठ करने की अपील जारी की। उन्होंने आगे कहा कि उनकी त्रैमासिक पत्रिका अब बंगाली में प्रकाशित हो रही है, जिसका उद्देश्य असम के युवाओं को कट्टरपंथी बनाना है जो बहुत खतरनाक हो सकता है।