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Madras High Court की देश के चर्चों को लेकर वैधानिक निकाय वाली टिप्पणी को BJP के इस नेता ने बताया स्वागत योग्य

Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में देश भर की चर्चों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि चर्च की संपत्तियों को वक्फ बोर्ड के समान एक वैधानिक निकाय द्वारा शासित किया जाना चाहिए। इस पर बीजेपी आरपी सिंह ने इसे स्वागत योग्य टिप्पणी बताया है।

नई दिल्लीNov 19, 2024 / 09:49 pm

Ashib Khan

Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने हाल ही में देश भर की चर्चों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि चर्च की संपत्तियों को वक्फ बोर्ड के समान एक वैधानिक निकाय द्वारा शासित किया जाना चाहिए। इस पर बीजेपी नेता आरपी सिंह ने इसे स्वागत योग्य टिप्पणी बताया है। उन्होंने कहा कि जो चैरिटेबल ट्रस्ट हैं और जो धार्मिक निकाय हैं, उनकी संपत्तियां ठीक तरह से मैनेज हो इसलिए यह बात स्वागत योग्य है। यह वहां की जनता और निकाय तय करे कि वहां कैसे संपत्तियों को रेगुलेट किया जाए। उसके बाद संपत्तियों का उपयोग स्थानीय गरीब लोगों के हक के लिए हो। यह बहुत अच्छी बात है। बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद देश के लगभग 90 फीसदी चर्चों को शासित करने वाले काउंसिल ऑफ चर्च इन इंडिया (एनसीसीआई) और कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) के नेताओं ने इस पर असंतोष व्यक्त किया।

विनोद तावड़े के मामले को लेकर कही यह बात

महाराष्ट्र में बीजेपी विनोद तावड़े पर लगे चुनाव में 5 करोड़ रुपए बांटने के आरोप पर उन्होंने कहा यह तो सरासर झूठ है। एक पैसे के लेनदेन का मामला नहीं है। 5 करोड़ रुपए कई ट्रक्स में आएंगे। कोई सीसीटीवी फुटेज में यह दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्ष के लोग किसी योजना के तहत यह सब कर रहे हैं। वह हताश होकर ऐसे कदम उठा रहे हैं।

‘जनता को भ्रमित करना है मकसद’

उन्होंने आगे कहा कि कल एक पूर्व मंत्री ने यह आरोप लगाया कि रात के अंधेरे में उनके ऊपर हमला किया गया और किसी ने उन्हें पीटा और उनके साथ झगड़ा किया। यह सब कुछ नया करने और लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि इन हरकतों का मकसद जनता को भ्रमित करना है। असल में चुनाव आयोग ने भी इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन यह केवल चुनाव आचारसंहिता के उल्लंघन और चुनावी प्रक्रियाओं के मूल्यांकन से संबंधित है ना कि नोट्स या कैश और वोट के लेन-देन से जुड़ा हुआ।
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