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एसओपी के मुताबिक
पुरी मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया कि रत्न भंडार में सारे काम एसओपी के मुताबिक किए जाएंगे। बाहरी रत्न भंडार की सामग्री अस्थायी स्ट्रॉन्ग रूम में रखी गई है। जस्टिस रथ और बाकी सदस्यों के सामने इनकी सूची बनाकर बक्सों में भरकर सील कर दिया गया। इसके बाद टीम अंदर के रत्न भंडार में गई। आभूषणों की डिजिटल लिस्टिंग भी होगी।आभूषण और सामान रखेंगे 15 संदूकों में
रत्न भंडार के रत्नों को रखने के लिए सागौन की लकड़ी के 15 संदूक मंगवाए गए हैं। इनकी लंबाई 4 फीट, चौड़ाई 2 फीट और ऊंचाई भी 2 फीट है। रविवार को 6 संदूक पहुंच गए। ये भुवनेश्वर नयापल्ली में तैयार किए गए।एएसआई करवाएगा खजाने की मरम्मत
जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ पुलिस बल की 6 प्लाटून तैनात की गई हैं। सिंह द्वार को छोड़कर अन्य तीन द्वार बंद कर दिए गए। 12वीं सदी के मंदिर के रख-रखाव का जिम्मा भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पास है। रत्न भंडार के आभूषणों की गिनती के बाद वह भंडार की मरम्मत करवाएगा। यह भी पढ़ें
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