इसे लेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने गुरुवार को कहा कि जांच एजेंसियों को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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पाटिल ने उन रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रूस भागने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि “केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ, हम उनके ठिकाने की तलाशी ले रहे हैं। उन्होंने कुछ ऐसा सुना है, लेकिन एक सरकारी अधिकारी के रूप में, वह सरकार की मंजूरी के बिना विदेश नहीं जा सकते।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने जांच एजेंसियों के सामने पेश होने में विफल रहने के लिए परमबीर सिंह के लिए एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। सिंह के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
एजेंसियों को परमबीर पर शक होने लगा एनआईए सूत्रों के अनुसार सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद चल रही जांच के दौरान अप्रैल माह में परमबीर सिंह को एनआईए कार्यालय बुलाया गया था। यहां पर एनआईए ने सचिन वाजे से जुड़े कई सवाल पूछे थे। जिस समय एंटीलिया कांड सामने आया था तब वाजे को मामले का जांच अधिकारी बनाया गया था और वह सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था।
दायर चार्जशीट में एनआईए ने कई ऐसे सबूत भी सामने रखे हैं, जिन्हें देखकर एजेंसियों को परमबीर पर शक होने लगा है कि उनका भी इस क्राइम में कोई हाथ तो नहीं। एनआईए ने इसे लेकर अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए परमबीर सिंह को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाना चाहा। मगर परमबीर सिंह अभी तक लापता हैं।