कमल खिलावन: क्यों भाई पंजा सिंह जी। कैसे बीते ये चार महीने, दिखे ही नहीं।
पंजा सिह: यात्रा में था। न्याय की तलाश में।
कमल खिलावन: पहली यात्रा कम थी तुम्हारी जो फिर निकले। और इस बार तो क्या ही निकले। चचा गालिब कह गए हैं – हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमां लेकिन फिर भी कम निकले।
पंजा सिंह: हमारे तो अरमान ही कम निकले पर.. आपके इलेक्टोरल बॉन्ड? बहुत निकले।
कमल खिलावन: मिले तो आपको भी हैं। हमारी फैन-फॉलोइंग ज्यादा है, लहर कहते हैं इसे लहर।
पंजा सिंह: चचा गालिब आप के लिए भी कुछ कह गए हैं- हम को मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन, दिल बहलाने को गालिब ये खयाल अच्छा है।
कमल खिलावन: समय कम है, काम ज्यादा है। चुनाव पर फोकस करो बंधु। गठबंधन टांय टांय फिस्स हो रहा है तुम्हारा।
पंजा सिंह: हम एक हैं, मजबूत हैं। छठी का दूध याद दिला देंगे, इस बार।
कमल खिलावन: ब्रेन तो जेल चले गए आपके गठबंधन के। अब ‘आपका’ क्या होगा जनाबे आली?
पंजा सिंह: आप पर्सनलाइज हो रहे हैं। ये लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा के खिलाफ है।
कमल खिलावन: मैं तो किशोर कुमार का लावारिस फिल्म में गाया फेमस सॉन्ग गा रहा हूं। जिसमें भविष्य वक्ता अमिताभ बच्चन ने 2024 की भविष्यवाणी की थी। नास्त्रेदमस सरीखी…
पंजा सिंह: क्या बड़बड़ा रहे हो… कुछ समझ नहीं आ रहा।
कमल खिलावन: सुनो… समझ आ जाएगा…
अपनी तो जैसे तैसे, थोड़ी ऐसे या वैसे…, आपका क्या होगा , जनाबे आली…, आपका क्या होगा…?
पंजा सिंह: देख लूंगा। मैं इस गाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा। अगली बार मिलोगे तो जवाब दूंगा… छोड़ूगा नहीं तुम्हें।