उत्तराखंड व राजस्थान में पूछे सवाल
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए नई रणनीति बनाई है। इसके तहत मोदी जिस भी राज्य में प्रचार के लिए जाएंगे, कांग्रेस की ओर से उन्हें जनता से किए पुराने वादे और स्थानीय मुद्दों के बारे में याद दिलाया जाएगा। इसकी शुरुआत कांग्रेस ने उत्तराखंड व राजस्थान से की है।
जहां पीएम मोदी जाएंगे, वहां वादे- मुद्दों की याद दिलाएंगे
दरअसल, कांग्रेस किसी भी हालत में इस चुनाव को ध्रुवीकरण के ट्रेक पर नहीं देना चाहती है। इसलिए प्रदेश व जनता से जुड़े मुद्दों पर अधिक से अधिक फोकस कर रही है। इसके लिए कांग्रेस की संचार विभाग, रिसर्च टीम व प्रदेश इकाइयां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके भाषणों व वादों पर घेरने के लिए काम कर रही है। पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व और संचार विभाग ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को प्रदेश के प्रमुख मुद्दों की सूची और उन पर केन्द्र सरकार की ओर से की गई कार्यवाही की तथ्यात्मक जानकारी अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 2014 व 2019 के साथ राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपने भाषण में जनता से जो वादे किए, उनकी वस्तुस्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया किमोदी से पूछे गए इन सवालों को पत्रकार वार्ता, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट, होर्डिंग्स आदि से जनता के सामने रखा जा रहा है।
ऐसे हाेंगे मुद्दे
राजस्थान:
-मोदी ने 2018 में वादा किया था कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाएगा। प्रदेश में कांग्रेस सरकार रहने पर वादा नहीं निभाया, सरकार बदली तो इस परियोजना को जल्दबाजी में आगे बढ़ाया।
– चुनाव में दलित अत्याचार रोकने का वादा किया लेकिन भाजपा राज में अलवर में ऐसी घटनाएं हुईं।
– युवाओं से रोजगार का वादा किया लेकिन अग्निपथ योजना से सैनिक बनने की चाहत वाले राजस्थान में युवाओं का सपना तोड़ा।
उत्तराखंड
-प्रधानमंत्री मोदी ने बुनियादी ढांचा सुधार और सुविधाओं का वादा किया लेकिन बेतरतीब, गैर-जिम्मेदाराना और भ्रष्टाचार के कारण कई आपदाएं देखने को मजबूर हुआ है। जोशीमठ भी धंसने लगा।
– बेरोजग़ारी और पलायन रोकने का वादा था लेकिन 2021 में सर्वे से पता चला कि पिछले 10 वर्षों में 5 लाख लोग पलायन कर गए।
पीएम का डबल प्लान, फिजिकल और वर्चुअल दोनों मोड में कैंपेनिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए डबल प्लान पर कार्य कर रहे हैं। एक तरफ राज्यों में जाकर धुंआधार चुनाव रैलियां कर रहे हैं तो बचे हुए समय में डिजिटल सम्मेलन के जरिये बूथ लेवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे। क्योंकि ‘बूथ जीतो चुनाव जीतो’ भाजपा की मुख्य रणनीति है। पार्टी का मानना है कि बूथ लेवल कार्यकर्ता में जोश नहीं होगा तो जनता में समर्थन के बावजूद अपेक्षित सफलता नहीं मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च के आखिरी सप्ताह में तमिलनाडु के कार्यकर्ताओं को नमो ऐप के माध्यम से संबोधित किया था। इसके बाद वे इसी सप्ताह बिहार और उत्तर प्रदेश के बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के 22648 बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान गर्मी से बचने की भी सलाह दी।
सीधा संवाद से बढ़ती है आत्मीयता
प्रधानमंत्री नमो डिजिटल रैली के दौरान बूथ अध्यक्षों से सीधा संवाद करते हैं। पार्टी के सर्वोच्च नेता जब सबसे निचली इकाई के कार्यकर्ता से बात करते हैं तो कैडर में उत्साह बढ़ता है और दोगुनी रफ्तार से वो जमीन पर पार्टी के लिए कार्य करता है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की 10 लोकसभा सीटों के सभी बूथों पर नमो एप के माध्यम से होने वाले सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को रणनीति व चुनाव जीतने के टिप्स दिए। इन सम्मेलनों में बाहरी व्यक्ति को अनुमति नहीं है।