हाल ही में कच्चातिवु का मामला हाथ लग जाने से भाजपा अध्यक्ष के हौसले बुलंद हैं। राज्य में अच्छी खासी मछुआरा आबादी है। कई लोकसभा सीटों पर उनका वोट अहम है। ऐसे में कच्चातिवु का मामला पार्टी के लिए कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। राज्य में पार्टी नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ता भी खूब मेहनत कर रहे हैं। महानगर समेत राज्य भर में वे पार्टी का झंडा लिए गली-गली में प्रचार कर रहे हैं। केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में वे लोगों को बता रहे हैं। बीच-बीच में प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार कायर्कर्ताओं को संबोधित कर उनमें जोश भर रहे हैं।
भाजपा को मिला साथ
एनडीए में शामिल प्रमुख दल तमिल मनीला कांग्रेस और पीएमके भी सत्तारूढ़ डीएमके पर लगातार हमलावर हैं। पीएमके ने जहां सामाजिक न्याय के मामले पर डीएमके को घेरा और नसीहत दे डाली, वही तमिल मनीला कांग्रेस नेता जी.के. वासन ने कावेरी मुद्दे पर सरकार की असफलता गिना धरती पुत्रों को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है। राधिका शरत कुमार, टीटीवी दिनकरण जैसे कद्दावर नेता एनडीए को राज्य में बेहतर स्थिति में लाने के लिए दिन रात लगे हुए हैं। पार्टी ने नमिता जैसी कुछ अभिनेत्रियों को भी चुनाव प्रचार में उतार वोटरों को स्टारडम के लिए लुभाने की कोशिश की है। तमिल मनीला कांग्रेस और पीएमके को साथ लेने के भाजपा के प्रयास सफल होने से एनडीए खेमे में उत्साह का माहौल है। इन दोनों दलों का खास वोट बैंक भाजपा समर्थकों के साथ मिलकर एनडीए को मजबूत बनानेे में कारगर साबित हो सकता है।
द्रविड़ दलों का रवैया
डीएमके अपने वोट एवं इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों के वोट प्रतिशत को लेकर आश्वस्त दिख रहा है। दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक अपने वोट बैंक के साथ अल्पसंख्यक वोटों को भी अपने पक्ष में करने में लगी है। उसे डीएमडीके का भी साथ मिल रहा है।