केरल में मतदाताओं के विचार बिल्कुल स्पष्ट हैं। भाजपा का यहां कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के खिलाफ भी ऐसी ही भावना है क्योंकि उनके 18 सांसदों ने पिछले पांच वर्षों में राज्य के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि केरल में भाजपा न केवल हारेगी, बल्कि वह केरल की 20 सीटों में से किसी में भी दूसरे स्थान पर भी नहीं आने वाली।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी और माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब रहा था। भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए तिरुवनंतपुरम में दूसरे स्थान पर रहा और बाकी सीटों पर तीसरे स्थान पर।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत देश के 13 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के 88 लोकसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है। इसमें केरल की सभी 20 लोकसभा सीट शामिल हैं, वहीं कर्नाटक में 14, राजस्थान में 13, उत्तर प्रदेश में 8, महाराष्ट्र में 8, मध्य प्रदेश में 6, असम में 5, बिहार में 5, छत्तीसगढ़ में 3, पश्चिम बंगाल में 3 और त्रिपुरा, मणिपुर एवं जम्मू कश्मीर में 1-1 सीट पर आज वोट डाले जा रहे हैं।