25 लोकसभा सीटों वाले राज्य में राष्ट्रीय दलों के सामने चुनौती बड़ी है। उनके सामने क्षेत्रीय दलों से गठबंधन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव में टीडीपी को 40.19% और जनसेना पार्टी को 5.87% मत मिले थे। ऐसे में भाजपा को यहां एनडीए का कुनबा बढ़ाने में ही अपना हित दिखा और पुराने सहयोगी टीडीपी के साथ जनसेना पार्टी को गठबंधन में शामिल कर लिया गया। एनडीए लोकसभा और विधानसभा चुनाव यहां टीडीपी के साथ मिलकर लड़ने जा रहा है।
राष्ट्रीय दलों को नहीं मिली एक भी सीट
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में आंध्रप्रदेश में 51 राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा था और इनमें से 49 ऐसे दल हैं जिन्हें एक भी सीट नहीं मिली। इनमें भाजपा, कांग्रेस व बसपा जैसे राष्ट्रीय दल भी शामिल हैं। भाजपा व बसपा को 1% मत भी नहीं मिले। कांग्रेस को 1.31% मतों से संतोष करना पड़ा था। नौ राजनीतिक दल ऐसे हैं, जिन्हें एक हजार मत भी नहीं मिले।
दो ही दलों को मिली सफलता
लोकसभा की 25 सीटों में से वाइएसआर कांग्रेस को 22 और टीडीपी को 3 सीटें मिली थीं। इन 25 सीटों के लिए इस बार एनडीए और इंडिया गठबंधन की ओर से चालें चली जा रही हैं। आंध्रप्रदेश में विधानसभा की 175 सीटों के लिए भी चुनाव होंगे। ऐसे में इस राज्य पर दोनों गठबंधनों का खास फोकस है। क्षेत्रीय दलों का दबदबा, भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती है।
लोकसभा चुनाव 2019 : वोट शेयर
वाईएसआर कांग्रेस : 49.89%
टीडीपी : 40.19%
जेएनपी : 5.89%
बसपा : 0.27%
भाजपा : 0.98%
सीपीआई : 0.09%
कांग्रेस : 1.31% विधानसभा चुनाव 2019 में दल और सीटें
23 : टीडीपी
151 : वाईएसआर कांग्रेस
1 : जेएनपी