दरअसल, ‘बेलवेदर’ सीट एक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र को कहा जाता है जो उस सीट के आसपास के क्षेत्र के रुझान के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर संभावित नतीजे के प्रभाव को भी बताता है। ऐसी सीटें न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चुनावी मूड का संकेत देते में सक्षम होती हैं, क्योंकि यहां जीतने वाली पार्टी ही आमतौर पर राष्ट्रीय स्तर पर भी जीत का परचम लहराने वाली पार्टी होती है।
ये ‘बेलवेदर’ सीटें हैं गुजरात में वलसाड, जामनगर, बनासकांठा और आणंद, हरियाणा में फरीदाबाद, अंबाला और करनाला, राजस्थान में अलवर, तेलंगाना में सिकंदराबाद, बिहार में सासाराम, झारखंड में रांची, जम्मू और उधमपुर। विश्लेषण बताते हैं कि इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों ने जिस एक पार्टी को वोट दिया, उसी ने केंद्र में सरकार बनाई।
निर्णायक वोट कब और किसे
राजस्थान की अलवर सीट पर निर्णायक वोट 1999 व 2019 में भाजपा को और 2004 व 2009 में कांग्रेस को मिला। झारखंड की रांची लोकसभा सीट पर निर्णायक वोट 1998, 1998, 1999 व 2019 में भाजपा को और 2004 व 2009 में कांग्रेस को मिला। हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट पर निर्णायक वोट 1999, 2014 व 2019 में भाजपा को और 2004 व 2009 में कांग्रेस को मिला। हरियाणा की एक और लोकसभा सीट फरीदाबाद पर निर्णायक वोट 1998 व 1999 में भाजपा को और 1980, 1984, 1989 व 1991 में कांग्रेस को मिला। इसी तरह जम्मू और कश्मीर की जम्मू लोकसभा सीट पर निर्णायक वोट 1998, 1999, 2014 व 2019 में भाजपा को और 2004 व 2009 में कांग्रेस को मिला। यह भी पढ़ें
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