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लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार समाप्त: मोदी ने हर बार मुद्दा बदला, राहुल का बार-बार वही वार, रैलियों में मुकाबलाः 206 बनाम 107

Lok Sabha Elections 2024 : सातवें और अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रचार का आखिरी दिन गुरुवार को समाप्त हो गया। इस चरण में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और सात राज्यों की कुल 57 सीट पर एक जून को मतदान है। पढ़िए शादाब अहमद/ नवनीत मिश्र की विशेष रिपोर्ट…

नई दिल्लीMay 31, 2024 / 07:38 am

Shaitan Prajapat

Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव अब अपने आखिरी मुकाम तक पहुंच गया है। सातवें और अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रचार का आखिरी दिन गुरुवार को समाप्त हो गया। इस चरण में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और सात राज्यों की कुल 57 सीट पर एक जून को मतदान है। भाजपा के नेतृत्व में सत्तासीन एनडीए गठबंधन और कांग्रेस के अघोषित नेतृत्व में विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने ढाई महीने लंबी चुनाव प्रक्रिया के दौरान जनता को अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात एक किए। भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा नरेंद्र मोदी ने 206 रैली व रोड-शो तो कांग्रेस की ओर से पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा राहुल गांधी ने 107 रैली, रोड शो और सभाओं से माहौल बनाया। इस दौरान मोदी ने टीवी चैनलों और अखबारों को रेकॉर्ड 80 इंटरव्यू भी दिए। मोदी ने प्रचार में हर चरण में अलग-अलग मुद्दे उछाल कर विपक्ष को परेशान किया तो राहुल का प्रचार संविधान की रक्षा करने और पांच न्याय के वादे पर केंद्रित रहा।

मोदी-कंगना से लेकर बनर्जी और चन्नी तक

सातवें चरण में कुल 904 प्रत्याशी मैदान में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभिनेत्री से राजनेता बनी कंगना रनौत, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और भोजपुरी कलाकार पवन सिंह की सीटों पर भी इसी चरण में मतदान होंगे।

मोदी का दक्षिण पर जोर, राहुल नहीं गए पूर्वोत्तर

पीएम मोदी के प्रचार अभियान का केंद्र पहली बार दक्षिण भारत भी रहा। हालांकि, उन्होंने उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र में सर्वाधिक रैलियां की। राहुल गांधी ने दक्षिण से उत्तर की ओर खूब जोर लगाया, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रचार करने नहीं गए। राहुल ने अपने प्रचार की शुरुआत दक्षिण से करते हुए इसे उत्तर में ले जाकर समाप्त किया। वह जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड से दूर रहे।

पीएम मोदी : ज्यादा सीटें, ज्यादा प्रचार

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर राज्य के लिए अलग-अलग रणनीति बनाकर चुनाव प्रचार किया। जिन राज्यों में ज्यादा सीटें हैं, या फिर जहां ज्यादा सीटें आने की संभावनाएं रहीं, वहां उन्होंने ज्यादा समय दिया। 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 31 रैलियां और रोड शो किए तो 48 सीटों वाले महाराष्ट्र और 40 सीटों वाले बिहार में भी 19 और 20 चुनावी कार्यक्रम किए।

अपनी पिच पर खिलाया

  • 19 अप्रैल से पहले तक प्रधानमंत्री मोदी ने ज्यादा आक्रामक मुद्दे नहीं उछाले। हालांकि, उन्होंने दूसरे चरण से तीखी बयानबाजी की। राहुल गांधी की ओर से संपत्तियों का एक्सरे कराकर और महिलाओं का मंगलसूत्र घुसपैठियों को बांटने से लेकर मुसलानों को धर्म के आधार पर आरक्षण आदि बयानों के जरिए मोदी ने विपक्ष को अपनी पिच पर फंसाने की कोशिश की।

दक्षिण भारत पर फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दक्षिण भारत के राज्यों पर खास ध्यान दिया। उन्होंने दक्षिण के राज्यों में कुल 35 चुनावी कार्यक्रम किए। कर्नाटक और तेलंगाना में 11-11 तो तमिलनाडु में 7 चुनावी रैलियां और रोड शो कर माहौल को भगवामय करने की कोशिश की।

360 डिग्री घूमे मोदी

पीएम मोदी का प्रचार अभियान पूरे 360 डिग्री घूमा। मोदी गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में आखिरी चुनाव रैली कर शाम आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी पहुंचे। यहां प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर वह एक जून तक 48 घंटे ध्यान योग साधना करेंगे। मोदी ने 15 मार्च को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में ही रैली कर चुनाव अभियान का बिगुल भी फूंका था।

मोदी की रैलियां

राज्य कुल रैलियां
उत्तर प्रदेश- 31
बिहार- 20
महाराष्ट्र- 19
बंगाल- 18
ओडिशा-10
मध्य प्रदेश-10
गुजरात-5
पंजाब-4
हरियाणा-3
हिमाचल-2
दिल्ली-2
उत्तराखंड-2
जम्मू-कश्मीर-1
पूर्वोत्तर-2

चरणवार मुद्दे बदले

पहला चरण: ‘सनातन’ को नष्ट करना चाहता है विपक्ष
दूसरा चरण: इंडी गठबंधन की नजर मंगलसूत्र पर है
तीसरा चरण: कांग्रेस कहती है, संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।
चौथा चरण: 2024 का चुनाव, चोर-लुटेरों से देश को बचाने का चुनाव है।
पांचवां चरण: सपा-कांग्रेस बुलडोजर चला कर रामलला को टेंट में भेज देगी।
छठा चरण: इंडी गठबंधन जीती तो हर साल प्रधानमंत्री बदलेगा।
सातवें चरण का मुद्दा: टीएमसी ने कहा, हिंदुओं को भगीरथी में बहा देंगे।

राहुल गांधी- यूपी पर विशेष ध्यान

  • उत्तर प्रदेश में भले ही कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन राहुल ने सबसे अधिक 15 रैली इसी राज्य में की है। इनमें इनमें खुद की सीट रायबरेली में छह रैली शामिल हैं। वहीं खुद की सीट वायनाड पर एक रोड शो व 10 जनसंपंर्क कार्यक्रम किए।

-न्याय गारंटियों पर फोकस, आरक्षण समाप्ति पर भाजपा को घेरा

राहुल का चुनाव में फोकस पूरी तरह से पांच न्याय गारंटियों पर रहा। इसके अलावा संविधान को मंच से दिखाकर लोकतंत्र पर खतरा बताया। उन्होंने हर जगह भाजपा के 400 पार नारे को मुद्दा बनाया और कहा भाजपा नेता इसका मकसद एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण को समाप्त करना बताते हैं। इसको लेकर भाजपा बुरी तरह घिरी और खुद मोदी को बार-बार जवाब देना पड़ा। राहुल के कई भाषणों को लेकर विवाद भी हुए।

… ताकि कब्जा कायम रहे

दक्षिणी राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन उत्तरी राज्यों के मुकाबले 2019 में अच्छा रहा था। इस बार भी कांग्रेस ने यहां अपना दबदबा बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगाया है। राहुल ने अपनी कुल चुनावी सभाओं की 25 फीसदी यानी 19 रैलियां दक्षिण में की हैं। इसके अलावा राहुल ने अपनी सीट वायनाड का भी खासा ध्यान रखते हुए 10 जनसंपंर्क कार्यक्रम किए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र की मुंबई में 15 मार्च को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत इंडिया गठबंधन की महारैली से प्रचार का आगाज किया। इसी दिन 9 जनसंपंर्क कार्यक्रम भी राहुल ने किए।

हिंदी पट्टी में रास्ते की खोज

पांच साल पहले राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक सीट नहीं मिलीे थी। इस बार राहुल ने इन राज्यों में 17 चुनावी सभाएं की है। खास बात यह है कि राहुल ने दिल्ली में आप के साथ एक संयुक्त रैली के अलावा चार अन्य रैलियां संबोधित की। चुनाव नतीजों में इसका असर दिखने की उम्मीद की जा रही है।

विवाद में भी रहे राहुल

  • आक्रमक भाषण शैली में मोदी के प्रति शिष्टाचार नहीं रखने का आरोप
  • दक्षिण में भाषा का मुद्दा उठाने पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया
  • मोदी ने बनाए दो तरह के सैनिक, जिनमें एक गरीब का बेटा और दूसरा अमीर घर का
  • सरकार बनते ही अग्निवीर योजना को बंद करने की घोषणा पर भी विवाद

कांग्रेस सरकार बनते ही…टकाटक…टकाटक

  • पांच न्याय की बात पहले से आखिरी चरण तक की
  • कांग्रेस सरकार बनते ही……..टकाटक….टकाटक….टकाटक
  • बेरोजगार युवाओं के खातों में हर महीने 8500 रुपए
  • आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से अधिक किया जाएगा
  • गरीब महिलाओं के खाते में हर साल एक लाख रुपए
  • महिलाओं का आरक्षण तत्काल लागू
  • किसानों को एमएसपी गारंटी कानून

अडानी पर दिया जवाब

प्रधानमंत्री मोदी ने जब अडानी-अंबानी से चंदा लेने का आरोप कांग्रेस पर लगाया तो राहुल खुद जवाब देने तत्काल आगे आए। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने काला धन देने वाले अडानी-अंबानी पर ईडी-सीबीआइ की कार्रवाई की मांग की।

राहुल दिखे बदले-बदले

राहुल ने इस बार एंग्री यंग मैन जैसी भाषण शैली से बाहर निकलने की कोशिश भी की। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और हंसते-मुस्कुराते लोगों से संवाद करते वीडियो पोस्ट किए। इस तरह के वीडियो को सोशल मीडिया पर जबरदस्त रेस्पांस भी मिला है।

नए तरीके भी अपनाएं

परंपरागत चुनावी रैलियों के अलावा राहुल ने इस बार कुछ नए तरीके अपनाएं। वे चुनावी सभाओं में हाथ में संविधान लेकर पहुंचे और जिसे दिखाते हुए भाषण दिए। इसी तरह प्रबुद्ध वर्ग तक अपनी बात पहुंचाने के लिए संविधान बचाओ सम्मेलन भी किए। इस तरह के तीन सम्मेलन हुए। वहीं तीन न्याय मंच के तहत युवाओं-किसानों से बात की। दिल्ली में मेट्रो और तेलंगाना में बस में यात्रा कर लोगों से बातें की।

प्रदेशवार रैलियां, जनसंपर्क, सभाएं (15 मार्च से 30 मई तक)

प्रदेश रैलियां,
उत्तर प्रदेश 17
कर्नाटक 6
तेलंगाना 6
मध्यप्रदेश 5
दिल्ली 6
केरल 14
बिहार 6
महाराष्ट्र 13
पंजाब 4
राजस्थान 3
ओडिशा 3
हरियाणा 4
हिमाचल प्रदेश 2
झारखंड 2
तमिलनाडु 2
छत्तीसगढ़ 2
गुजरात 3
दमन 1
आंध्रप्रदेश 1

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