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Electricity Crisis in India: देश के 86 बिजली घरों में कोयले का सीमित स्टॉक बचा, क्या छा जाएगा अंधेरा?

Coal Crisis In India: केंद्रीय बिजली प्राधिकरण ने यह खुलासा किया है कि देश में कोयले की कमी हो गई है। जाहिर सी बात है कि इसके चलते देश के बिजली घरों में बिजली के उत्पादन की समस्या पैदा हो सकती है।

Oct 23, 2023 / 08:20 am

Prashant Tiwari


देश के 86 ताप बिजली संयंत्रों में कोयले का संकट पैदा हो गया है। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के मुताबिक 18 अक्टूबर को बिजलीघरों में कोयले का संकट गंभीर स्तर पर पहुंच गया। इन संयंत्रों में करीब आठ दिन के उपयोग का ही कोयला बचा था। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में निगरानी वाले 181 ताप बिजली संयंत्रों में से 86 में कोयला भंडार का संकट गंभीर हैं। इनमें से छह आयातित कोयला आधारित संयंत्र हैं।

 

बिजली संयंत्रों की क्या है स्थिति

सीईए के मुताबिक 206 गीगावाट की क्षमता वाले 181 बिजली संयंत्रों के पास 5.43 करोड़ टन के मानक स्तर के मुकाबले 2.04 करोड़ टन (आदर्श स्तर का 38 प्रतिशत) कोयला भंडार था। इन संयंत्रों की दैनिक ईंधन आवश्यकता 28 लाख टन है। रिपोर्ट के अनुसार 149 गीगावाट की क्षमता वाले 148 घरेलू कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के पास कोयला भंडार सामान्य स्तर के 29 प्रतिशत से कम है। इन संयंत्रों के पास 18 अक्टूबर तक 4.35 करोड़ टन के मानक स्तर के मुकाबले लगभग 1.27 करोड़ टन कोयला था।

देश में 18 खानों के पास के कोयला-आधारित संयंत्रों की हालत बेहतर है। इन संयंत्रों के पास सामान्य स्तर की तुलना में 81 प्रतिशत कोयला मौजूद है। सीईए की निगरानी के तहत आने वाले 15 आयातित कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों में सामान्य स्तर से 52 प्रतिशत कोयले का भंडार था।

 

कब पैदा होते हैं गंभीर हालात

देश के किसी भी बिजली संयंत्र में कोयला भंडार की हालत तब गंभीर मानी जाती है, जब उसके पास कोयले का भंडार सामान्य स्तर की तुलना में 25 फीसदी से भी कम रह जाता है। देश की कोयला खानों के पास मौजूद बिजली संयंत्रों की हालत ठीक है लेकिन खानों से दूर के संयंत्रों में कोयले का संकट है।

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