बिजली संयंत्रों की क्या है स्थिति
सीईए के मुताबिक 206 गीगावाट की क्षमता वाले 181 बिजली संयंत्रों के पास 5.43 करोड़ टन के मानक स्तर के मुकाबले 2.04 करोड़ टन (आदर्श स्तर का 38 प्रतिशत) कोयला भंडार था। इन संयंत्रों की दैनिक ईंधन आवश्यकता 28 लाख टन है। रिपोर्ट के अनुसार 149 गीगावाट की क्षमता वाले 148 घरेलू कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के पास कोयला भंडार सामान्य स्तर के 29 प्रतिशत से कम है। इन संयंत्रों के पास 18 अक्टूबर तक 4.35 करोड़ टन के मानक स्तर के मुकाबले लगभग 1.27 करोड़ टन कोयला था।
देश में 18 खानों के पास के कोयला-आधारित संयंत्रों की हालत बेहतर है। इन संयंत्रों के पास सामान्य स्तर की तुलना में 81 प्रतिशत कोयला मौजूद है। सीईए की निगरानी के तहत आने वाले 15 आयातित कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों में सामान्य स्तर से 52 प्रतिशत कोयले का भंडार था।
कब पैदा होते हैं गंभीर हालात
देश के किसी भी बिजली संयंत्र में कोयला भंडार की हालत तब गंभीर मानी जाती है, जब उसके पास कोयले का भंडार सामान्य स्तर की तुलना में 25 फीसदी से भी कम रह जाता है। देश की कोयला खानों के पास मौजूद बिजली संयंत्रों की हालत ठीक है लेकिन खानों से दूर के संयंत्रों में कोयले का संकट है।