ऐसा रहा जीवन:
वहीं शिक्षा की बात करें तो वो स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूनाइटेड किंगडम) से स्नातक हैं। इसके अलावा उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में हायर कमांड कोर्स में भाग लिया। वो पिछले 37 वर्षों से देश की सेवा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन पराक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उत्तर-पूर्व के काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस में भी जनरल पांडे का अहम योगदान रहा। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने एक जून को महत्वपूर्ण पूर्वी सेना कमान के नये कमांडर के रूप में कार्यभार संभाला था। इस कमान का मुख्यालय कोलकाता में है।
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इन ऑपरेशंस का है अनुभव:जनरल पांडे जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ एक इंजीनियर रेजिमेंट, स्ट्राइक कोर के हिस्से के रूप में एक इंजीनियर ब्रिगेड, नियंत्रण रेखा के साथ एक इन्फैंट्री ब्रिगेड, पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाके में एक माउंटेन डिवीजन और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ-साथ उत्तर-पूर्व में काउंटर इंसर्जेंसी आपरेशंस क्षेत्र में भी एक कोर की तैनाती की कमान संभाली है।