विपक्ष की आवाज को सदन में प्रतिनिधित्व मिले: राहुल गांधी
राहुल ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष को अपने बधाई संदेश में कहा, “विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहेंगे कि सदन चले। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है। विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति मिले।”‘महत्वपूर्ण है कि सदन में भारत की कितनी आवाज सुनी जाएगी?’
राहुल गांधी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आप हमें बोलने की अनुमति देंगे। सवाल यह नहीं है कि सदन कितनी कुशलता से चलाया जाता है। सवाल यह है कि भारत की कितनी आवाज को सुनने की अनुमति दी जा रही है या नहीं? इसलिए विचार यह है कि आप मौन रहकर सदन को कुशलतापूर्वक चला सकते हैं। विपक्ष की आवाज़ एक गैर-लोकतांत्रिक विचार है और इस चुनाव ने दिखाया है कि भारत के लोग विपक्ष से संविधान की रक्षा की उम्मीद करते हैं।हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर आप संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएं।”राहुल से पूर्व राजीव और सोनिया भी रह चुके नेता प्रतिपक्ष
राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य हैं। पिता राजीव गांधी 1989-90 तक इस पद पर रहे, वहीं मां सोनिया 1999-2004 तक विपक्ष की नेता रहीं।कहां-कहां नेता विपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका?
विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी सीबीआई प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। उन्हें कैबिनेट रैंक की सभी सुविधाएं मिलेगी और संसद भवन में एक अलग कार्यालय भी मिलेगा। यह भी पढ़ें – Rahul Gandhi क्यों पहनते हैं हमेशा सफेद T-shirt? खुद दिया जवाब, आप गिफ्ट में राहुल से चाहते व्हाइट टीशर्ट तो करना होगा ये काम