दोनों की प्राथमिकता सिर्फ विधायक बनना है। विकास के लिए कोई विजन नहीं है। न तो यहां प्रचार-प्रसार पर जोर होता है और न ही बड़े नेताओं का फोकस रहता है। यहां के लोगों के लिए विकास जुमला भी नहीं है क्योंकि इसके लिए आश्वासन भी नहीं मिलता।
मोहित की बात सुनकर पास खड़े सतीश उरांव ने कहा कि मौजूदा झामुमो विधायक बैजनाथ राम शिक्षा मंत्री हैं, लेकिन यहां कॉलेज तक नहीं है। दो डिग्री कॉलेज का उद्घाटन इसी सत्र में हुआ लेकिन इनमें प्राध्यापक नहीं है। बच्चों को पढ़ने के लिए रांची जाना पड़ता है। …तो क्या युवाओं में गुस्सा दिखेगा? यह पूछने पर सतीश कहते हैं – प्रतियोगी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के कारण युवाओं में बहुत रोष है। रोजगार का मुद्दा अहम है। दुर्भाग्य है कि किसी भी पार्टी इस पर कुछ नहीं कह रही।
मइया सम्मान योजना और बिजली बिल माफी का असर
थाना चौक से आगे रेस्टोरेंट में खाना खाने गए तो वहां युवा व्यवसायी साक्षी कुमारी मिलीं। उनसे चुनाव पर चर्चा की तो बोलीं इस चुनाव में मइया सम्मान योजना और बिजली बिल माफी योजना झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार का मास्टर स्ट्रोक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं इन योजनाओं पर बहुत पॉजिटिव हैं। उन्हें हर महीने 1000 रुपए मिल रहा है। दोबारा सरकार बनी तो दिसंबर से इसे बढ़ाकर 2500 रुपए करने का वादा है। हालांकि भाजपा ने गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपए देने का वादा किया है। महिलाओं के बीच इस बात की चर्चा है कि भाजपा सरकार के आने से हर महीने चार सौ रुपए का नुकसान होगा।
दो नेताओं के बीच 25 सालों से मुकाबला
राजनीति में रुचि रखने वाले संजीत ने बताया कि 1990 के बाद से कोई भी नेता यहां लगातार दो बार विधायक नहीं रहा। हर पांच साल में बदलाव होता है और 25 साल से बैजनाथ और प्रकाश पार्टी बदल-बदल कर चुनाव लड़ते हैं। वर्ष 2005 में भाजपा से चुनाव लडऩे वाले बैजनाथ राम को आरजेडी के उम्मीदवार प्रकाश राम ने हराया था। 2009 में भाजपा के टिकट पर बैजनाथ राम ने प्रकाश राम को हराया। 2014 में प्रकाश राम बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीते। 2019 में झामुमो प्रत्याशी बने बैजनाथ ने भाजपा से लड़े प्रकाश राम को हराया। इस बार फिर दोनों आमने-सामने हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने पर कोई काम नहीं
युवा उद्यमी साक्षी ने बताया कि लातेहार में नेतरहाट, बूढ़ाघाघ, बेतला टाइगर रिजर्व, लोध जल प्रपात आदि प्रमुख पर्यटन स्थल हैं लेकिन इन्हें विकसित करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।