Janmashtami Celebration: जन्माष्टमी के दौरान इन स्थानों पर भक्ति रस में हो जाएंगे सराबोर
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत समस्त पापों का नाश करने वाला माना गया है। यदि इस दिन भक्तजन व्रत करते हुए श्रीमद्भागवत तथा श्रीमद्भागवतगीता का पाठ करें तो उनके पूर्वजों की भी मुक्ति होती है और घर में सुख, समृद्धि का आगमन होता है।इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
अष्टमी तिथि का आरंभ – 29 अगस्त, 2021 को 11.25 PM पर
अष्टमी तिथि का समापन – 31 अगस्त, 2021 को 01.59 AM पर
रोहिणी नक्षत्र का आरंभ – 30 अगस्त, 2021 को सुबह 06.39 पर
रोहिणी नक्षत्र का समापन – 31 अगस्त, 2021 को 9.44 AM फर
निशित पूजा का समय – रात्रि 11.59 से 12.44 AM तक
दही हांडी उत्सव – 31 अगस्त, 2021
Krishna Janmashtami 2021: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है? और जानें क्या करें इस दिन
जन्माष्टमी पर इस प्रकार करें व्रतश्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर किए जाने वाले व्रत में एकादशी व्रत के समान समस्त नियमों का पालन किया जाना चाहिए। इस दिन पूरे समय अन्न ग्रहण नहीं किया जा सकता। रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के बाद उनकी पूजा कर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। दिन भर भजन-कीर्तन करना चाहिए।