NSUI की राष्ट्रीय सचिव ने NTA को ठहराया दोषी
एनएसयूआई की राष्ट्रीय सचिव रितु बराला ने कहा कि हमारी मांग है कि नीट यूजी पेपर लीक मामले में NTA के जो भी सदस्य शामिल हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार 24 लाख छात्रों के हित में नीट री-एग्जाम कराए। ये छात्र हमारे देश का भविष्य हैं। हम इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। छात्रों के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
राजस्थान पत्रिका से बातचीत में रितु बराला ने कहा, “आप देखें कि कोई भी परीक्षा, फिर चाहे वो नीट यूजी पीरक्षा (NEET UG) हो या फिर यूजीसी नेट (UGC NET) चंद लाख रुपये देकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बिहार, यूपी, राजस्थान हर जगह पेपर लीक हो रहे हैं। परीक्षा चाहे राष्ट्रीय स्तर की हो या राज्य द्वारा आयोजित की जा रही हो, पेपर लीक आम घटना हो गई है।” उन्होंने कहा कि पेपर लीक करके शिक्षा का व्यापार किया जा रहा है। इस पर सरकार द्वारा कोई एक्शन लिया जाना चाहिए और इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए।
वहीं इस सवाल पर कि एनएसयूआई द्वारा परीक्षाओं के केंद्रीकरण समाप्त करने की मांग की जा रही है तो क्या इससे पेपर लीक जैसी घटनाओं पर असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि सरकार अगर अच्छी पॉलिसी बनाएगी तो कहीं न कहीं पेपर लीक की घटनाएं कम होंगी। सरकार नीट यूजी को लेकर अच्छी पॉलिसी बनाए ताकि इस तरह की घटना वापस रिपीट न हो। हम (NSUI) छात्रों के हित में लगातार सवाल उठाते रहेंगे।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
बता दें, दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। यूथ कांग्रेस ने संसद को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए।