जब परिवार में मृतक के लिए किये जाने वाले सभी काम पूरे हो जाते है तो कुछ लोग उनको कॉल करके बुलाते है। पारेख इस बात को सुनिश्चित करते है की मृत्यु हुए व्यक्ति का जो भी दावा है , उसका समय से निपटारा हो जाये। उन्होंने बताया की वो पता करते है की मौत की वहज से परिवार की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा है – क्या कोई कर्ज है , क्या उनके पास पर्याप्त बीमा या निवेश है ? पारेख कहते है “मैं मृत्यु से परिवार पर इससे पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अच्छे तरह समझता हुं। जब मैं छोटा था तब मैंने अपने पिता को खोया।
18 साल की उम्र से हुई शुरुआत
भारत पारेख जब 18 साल के हुए तो उनके ऊपर अचानक परिवार की जिम्मेदारी आ गयी , उन्होंने कॉलेज के बाद बीमा बेचना शुरू कर दिया। लोगों से मिल कर बीमा बेचने का काम करते थे। पहले छह महीनों में पारेख ने छह पॉलिसी बेचीं। अपने पहले वर्ष के अंत में, उन्होंने कमीशन के रूप में लगभग 15,000 रुपये कमाए। उस समय उनके लिए “जीवन बीमा बेचना मुश्किल था। पारेख ने बताया बीमा एजेंटों की अक्सर खराब प्रतिष्ठा होती है, और उन्हें गिद्धों के रूप में माना जाता है, जो ग्राहकों की असुरक्षा का शिकार होते हैं। इनमें से किसी ने भी पारेख को विचलित नहीं किया। इन सालों में वह होशियार होते गए और बहुत कुछ सीखते गए । उन्होंने महसूस किया कि मृतकों को ट्रैक करना जीवित को कॉल करने से बेहतर काम करता है। उनके क्लाइंट में स्ट्रीट वेंडर से लेकर बिजनेसमैन तक शामिल हैं।
पारेख है स्टार एजेंट, चेयरमैन से ज्यादा कमाई
55 वर्षीय पारेख LIC के स्टार एजेंट में से एक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पारेख अब तक 32.4 करोड़ डॉलर की जीवन बीमा की बिक्री कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर पॉलिसी उन्होंने नागपुर या उसके आसपास ही बेचीं है। पारेख कहते हैं कि वो 40 हजार पॉलिसी बेच चुके हैं। वहीं प्रीमियम जमा करने, क्लेम सेटलमेंट आदि जैसी सुविधाएं वो फ्री में देते हैं। इनकी कमाई एलआईसी के चेयरमैन से ज्यादा है। इनको कई स्कूल , कालेज , बैंक और मैनेजमेंट स्कूल्ज में बातचीत के लिए भी बुलाया जाता है।