माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही श्रीगणेशजी का जन्म हुआ था, अत: इसे गणपति के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन अपने घरों में भगवान श्रीगणेश की स्थापना करते हैं, बाद में इन प्रतिमाओं को किसी निकट के जल सरोवर में विसर्जित किया जाता है।
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गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्तगणेश जी की स्थापना करने के लिए सदैव शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी पर गणपति की प्रतिमा स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
चतुर्थी तिथि का आरंभ – 10 सितंबर की मध्यरात्रि 12.18 AM
चतुर्थी तिथि का अंत – 10 सितंबर को रात्रि में 9.57 PM
मध्यान्ह गणेश पूजा का मुहूर्त – 11.03 AM से 01.33 PM
गणेश विसर्जन की तिथी – 19 सितंबर, 2021
चतुर्थी तिथि का अंत – 10 सितंबर को रात्रि में 9.57 PM
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गणेशजी की पूजा कैसे करेंगणेश चतुर्थी पर गजानन की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ, स्वच्छ धुले हुए वस्त्र पहनें तथा अपने घर के पूजा कक्ष में गणेश जी की प्रतिमा को पंचगव्य (दूध, घी, दही, गंगाजल तथा शहद) से स्नान करवाएं। इसके बाद उन्हें स्वच्छ जल से स्नान करवाकर आसन पर विराजमान करवाएं। इसके बाद उन्हें चावल, पुष्प, दूब, फूल आदि अर्पित करें। उनके आगे देसी घी का दीपक जलाएं तथा उनका प्रिय प्रसाद लड्डू का भोग चढ़ाएं। गणेश जी की आरती करें। इसके बाद गणेश के मंत्र “ॐ गं गणपतये नमो नम:” का 108 बार जप करें।