हाइब्रिड आतंकी में ज्यादातर वैसे दहशतगर्द शामिल होते हैं, जो कश्मीर के ही रहने वाले हैं. ये ज्यादातर समय सामान्य जीवनशैली जी रहे होते है. अपने आकाओं का आदेश मिलते ही कुछ समय के लिए एक्टिव होते हैं और आकाओं से मिले टास्क को पूरा करने के बाद फिर से वापस सामान्य जीवनशैली में लौट जाते हैं. जम्मू कश्मीर पुलिस या सुरक्षाबलों की बनाई गई आतंकियों की लिस्ट में इनका नाम नहीं होता है. इस कारण इनको पकड़ पाना काफी मुश्किल है.
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मात्र 10-10 हजार रुपए के लिए लोगों की कर देते हत्या
कुछ कुछ दिनों में सुरक्षाबलों ने ऐसे काफी मशक्कत के बाद ऐसे कुछ आतंकियों को गिरफ्तार किया है. जिसके बाद दहशतगर्दों की इस नई चाल और रणनीति का खुलासा हुआ है. सुरक्षाबलों ने ही आतंकियों के इस ग्रुप का नाम हाइब्रिड रखा है. सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाइब्रिड आतंकी मामूली रकम के लिए किसी की हत्या कर देते है. बताया गया कि इनलोगों को इनके आकाओं से 10-10 हजार रुपए और पिस्तौल मिलता है. घटना को अंजाम देने के बाद हथियार वापस लौटा देना होता है और रकम लेकर ये आतंकी फिर से अपने पुराने जीवनशैली में लौट जाते हैं.
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फरवरी में अनंतनाग से 11 हाइब्रिड आतंकी किए गए थे गिरफ्तार
फरवरी में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अनंतनाग में दो आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. सुरक्षाबलों ने इन सभी को हाइब्रिड आतंकी बताया. पांच अप्रैल को भी सुरक्षाबलों ने कश्मीर के दो अलग-अलग स्थानों से दो हाइब्रिड आतंकी को गिरफ्तार किया. हाइब्रिड आतंकी संगठित रूप से नहीं रहते है. ऐसे में उनपर नकेल कसना मुश्किल है. हालांकि हालिया दिनों में हुई कार्रवाई के बाद इनके गतिविधियों में कमी आई है.