कारवां पर्यटन एक ऐसी अवधारणा है जिसने अपने द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वतंत्रता और लचीलेपन के कारण दुनिया भर में अपार लोकप्रियता हासिल की है। महामारी की स्थिति में सभी लोगों की तनावग्रस्त स्थिति को देखते हुए, यह सेगमेंट अब घर से गंतव्य और वापस घर जाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित ट्रेवल बबल का लाभ प्रदान करता है।
यह अब उन लोगों के लिए एकदम उपयुक्त माना जाता है, जो कोरोना के समय में जोखिम और परेशानियों से भरी हुई यात्रा कर रहे हैं। यात्रा पसंद करने वाले बहुत से लोग हवाई अड्डे की लंबी देरी और सार्वजनिक विश्राम कक्षों का उपयोग करना पसंद नहीं करते हैं। बाहरी भोजन और वातानुकूलित ट्रेनों में अजनबियों के साथ यात्रा करना, जिनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में किसी को पता नहीं हो सकता है, ये सब भी लोगों को तनावग्रस्त और चिड़चिड़े बना देते हैं।
अनुकूलित स्टाइलिश वाहनों द्वारा संचालित और एक सुगम सवारी और आरामदायक प्रवास के लिए सभी सामानों से लैस कारवां पर्यटन, तीन दशकों में हाउसबोट के बाद केरल टूरिज्म के लिए अगली बड़ी चीज है। राज्य सरकार ने पहले ही एक व्यापक, हितधारक-अनुकूल कारवां पर्यटन नीति की घोषणा की है, जिसे केरवां केरल के रूप में ब्रांडेड किया गया है, जो आगंतुकों को अनुकूलित और प्रकृति के सबसे करीब यात्रा का अनुभव कराने का वादा करता है।
केरल टूरिज्म के निदेशक श्री वी.आर. कृष्ण तेजा कहते हैं, “केरल की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के अनुकूल संस्कृति की अंतर्निहित ताकत के अनुसार, कारवां पर्यटन में राज्य के लिए बहुत अधिक गुंजाइश है। पर्यटकों के लिए एक ताज़ा अनुभव प्रदान करने के अलावा, यह स्थानीय समुदायों को आगंतुकों के सामने अपनी संस्कृति और उत्पादों को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाकर उन्हें पर्याप्त लाभ पाने का मौका प्रदान करता है।”
इस नीति में पर्यटकों के कारवां को सुरक्षित, आरामदायक बनाने और स्थानीय और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन करने की परिकल्पना की गई है, जो मेहमानों के लिए एक घरेलू एहसास प्रदान करता है। इसमें निजी, सार्वजनिक या संयुक्त उद्यमों के रूप में कारवां पार्कों का विकास भी शामिल है। पार्क के लिए कम से कम 50 सेंट भूमि की आवश्यकता होती है, जिसमें एक समय में पांच कारवां को रखने की जगह होनी चाहिए, जिसमें फूड पार्क, विश्राम कक्ष, गतिविधि क्षेत्र और ड्राइवर लॉज जैसी सुविधाएं हों।
इंटरसाइट टूर्स एंड ट्रैवल्स के प्रबंध निदेशक श्री अब्राहम जॉर्ज को लगता है कि कारवां की अच्छी मांग होगी क्योंकि हालिया प्रवृत्ति से पता चलता है कि अधिकांश पर्यटक जोड़े या परिवार के रूप में आ रहे हैं और वे कम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना चाहते हैं। ट्रैवल कंपनी फिलहाल हाइब्रिड पैकेज डिजाइन कर रही है जिसमें कारवां टूरिज्म शामिल है। “यह कारवां द्वारा प्रदान की जाने वाली गोपनीयता और सुरक्षा के कारण हनीमून मनाने वालों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य होगा।ʺ
स्पाइसलैंड हॉलिडेज के प्रबंध निदेशक श्री रियाज यूसी भी इसे लेकर काफी उत्साहित हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कारवां पर्यटन को एक स्टैंडअलोन उत्पाद और एक हाइब्रिड पैकेज दोनों के रूप में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “इस समय कारवां पर्यटन की शुरुआत से राज्य में पर्यटन को काफी प्रोत्साहन मिलेगा, जिसकी अभी काफी अधिक जरूरत है जो अभी तक कोविड महामारी के प्रभाव से पूरी तरह से उबर नहीं पाया है।” स्पाइसलैंड खर्च कम करने के लिए हॉप-ऑन, हॉप-ऑफ मॉडल पेश करने की संभावना भी तलाश रहा है।
इनमें से कुछ मोटर होम विलासिता से भी भरपूर हैं और सुविधाओं का एक पूरा स्पेक्ट्रम प्रदान करते हैं, जैसे – क्विन साइज बेड, शॉवर और शौचालय, सौर ऊर्जा से चलने वाले गीजर, एयर-कंडीशनर, हीटर और इलेक्ट्रिक और गैस बर्नर के साथ एक किचेन, मिनी-फ्रिज, एक माइक्रोवेव ओवन, और स्मार्ट टेलीविजन स्क्रीन। लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है। इनमें मोटर चालित खिड़कियां, पोर्टेबल बारबेक्यू ग्रिल और एक शामियाना भी है जिनसे आप बाहर के मौसम का आनंद ले सकते हैं। सोफा, रिक्लाइनर, फोल्डआउट टेबल और जगह बचाने के लिए कन्वर्टिबल बेड, मूड को बेहतर बनाने के लिए एम्बिएंट लाइटिंग और वाई-फाई-सक्षम स्मार्ट एंटरटेनमेंट सिस्टम आपके आराम में इजाफा करते हैं।
केरल की कारवां पर्यटन नीति से प्रेरणा लेते हुए, ऑटो प्रमुख भारत बेंज ने पहले ही राज्य में अपना विश्व स्तरीय, रेडी-फॉर रोड टूरिस्ट कारवां शुरू कर दिया है, जबकि बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप कैंपर्वन कैंप्स और हॉलिडेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में अपना प्रीमियम ट्रक–कैम्पर, लक्सकैम्पर पेश किया है।
गॉड्स ओन कंट्री की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखते हुए बैकवाटर से लेकर हिल स्टेशनों तक, कारवां और कारवां पार्क पर्यटन क्षेत्र में गेम-चेंजर बनने की क्षमता रखते हैं। इस लोकप्रिय क्षेत्र में शुरुआत में घरेलू पर्यटकों के ज्यादा आने की उम्मीद है और फिर बाहर के पर्यटक गांव के जीवन का अनुभव लेने उस स्थान पर आ सकते हैं और वहां रुक सकते हैं। चाहे वह धान के खेत वाला गाँव हो, मछुआरों का गाँव हो या पारंपरिक उद्योग या शिल्प का केंद्र हो, वे उस समुदाय के दैनिक कामों को करीब से देख सकते हैं।
इस पहल से राज्य में सुलभ लेकिन कम लोकप्रिय स्थानों को आकर्षक स्थलों में बदलने की संभावना भी बढ़ती है। इसे पर्यटन को एक स्थायी गतिविधि बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो स्थानीय समुदायों को लाभ पहुंचाएगा और उद्योग के लिए अवसरों को भी बढ़ाएगा।
केरल के सफल जिम्मेदार पर्यटन (आरटी) पहल से सीधे जुड़े अनुभवात्मक विशेषता में स्थानीय समुदायों, स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों, छोटे और सूक्ष्म उद्यमों, कलाकारों और कुटुम्बश्री जैसी महिलाओं के सामूहिक प्रयासों के लिए रोजगार और वाणिज्यिक अवसर पैदा करने की क्षमता है।