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Kejriwal के “शीशमहल” में जिम और मिनी बार भी, 96 लाख के परदे, 20 लाख का टीवी कंसोल- रिपोर्ट में दावा

Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए रिनोवेट हुए आवास का काम लोक निर्माण विभाग (PWD) ने किया है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जानिए इसके रिनोवेशन की लागत।

नई दिल्लीJan 05, 2025 / 01:10 pm

Devika Chatraj

Arvind Kejriwal

Delhi Assembly Election: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारी में हर दल लगे हुए हैं। बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही दल दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के लिए बने सरकारी आवास के रिनोवेशन को लेकर सवाल उठा रहे हैं। हमेशा से ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ नाम दिया है। वहीं अब CAG की ऑडिट रिपोर्ट आई है, जिसमें पता चला है कि उस घर का रिनोवेशन प्रस्तावित लागत से तीन गुना अधिक रुपये में किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 3 जनवरी को दिल्ली में जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने ‘शीशमहल’ का जिक्र किया।

रीनोवेशन में इतनी आई लागत

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए रिनोवेट हुए आवास का काम लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किया गया था। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार शुरू में इस रिनोवेशन की लागत 7.91 करोड़ रुपये बताई गई थी। लेकिन बाद में 2020 में करीब 8.62 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। लेकिन 2022 में जब इसे पूरा किया गया तो इसकी कुल लागत 33.66 करोड़ रुपये थी। इंडियन एक्सप्रेस ने सीएजी जनरल गिरीश चंद्र मुर्मू की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे प्रकाशित किया है। वह 20 नवंबर 2024 को रिटायर हुए थे और उन्होंने अपने रिटायरमेंट से एक हफ्ते पहले इस रिपोर्ट पर साइन किए थे।
वस्तुएंखर्चा
टीवी कंसोल20,34,200₹
मिनीबार इकाई4,80,052₹
एल साइज सोफा6,40,604₹
ट्रेडमिल और जिम उपकरण18,52,155₹
रसोई की सामग्री39,08,846₹
रेशमी कालीन16,27,690₹
गोल खाने की मेज4,80,052₹
बिस्तर3,99,499₹
नकली चमड़े के आवरण5,45,878₹
सजावटी वस्तुएं2,39,223₹
रीनोवेशन की लागत

सामने आई ऑडिट रिपोर्ट

ऑडिट रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के आवास से जुड़े स्टाफ ब्लॉक और कैंप कार्यालय के निर्माण के लिए भी 3.86 करोड़ रुपये खर्च हुए। ऑडिट में यह भी बताया गया है कि निवास पर स्वच्छता वस्तुओं, फर्नीचर और जिम उपकरणों की मरम्मत/रखने पर 1.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

दिल्ली सरकार ने की लापरवाही

आपको बता दें की सीएजी ने अपेक्षित कागजी कार्रवाई जमा करने में दिल्ली सरकार की लापरवाही (प्राथमिकता न देना) के बारे में भी शिकायत की थी। इसमें कहा गया कि चालान के साथ आपूर्ति वाउचर के अभाव में ठेकेदारों द्वारा आपूर्ति की गई सामग्री की वास्तविकता और जिस रेट पर इन्हें खरीदा गया था, उसे वेरीफाई नहीं किया जा सका। पिछले महीने दिल्ली सतर्कता निदेशालय को इससे संबंधित कथित अनियमितताओं की जांच करने का काम सौंपा गया था।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने किया निरिक्षण

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सितंबर 2023 में मामले में प्रारंभिक FIR दर्ज की थी। वहीं नई जांच का आदेश दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता द्वारा दायर एक शिकायत के बाद 6 दिसंबर, 2024 को दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिया था। वहीं CPWD ने आवास पर काम से संबंधित अवैधताओं में कथित भूमिका के लिए तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है।

ऑडिट रिपोर्ट में क्या?

ऑडिट रिपोर्ट में मुख्यमंत्री आवास से जुड़े स्टाफ ब्लॉक और कैंप कार्यालय के निर्माण के लिए किए गए परिवर्धन और परिवर्तन पर अलग-अलग खंड हैं और इस स्टाफ ब्लॉक और कैंप कार्यालय के लिए 3.86 करोड़ रुपये के प्रारंभिक अनुमान को “बढ़ा-चढ़ाकर” पेश किया गया है। ऑडिट में यह भी कहा गया है कि आवास पर सैनिटरी आइटम, फर्नीचर और जिम उपकरण लगाने/लगाने पर 1.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए और इन वस्तुओं को “अतिरिक्त वस्तुओं” के रूप में शामिल किया गया है।
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