उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “वे चुनाव इसलिए नहीं करा रहे हैं क्योंकि वो लोगों को परेशान करना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि लोगों के घावों में मरहम लगाने की बजाय उन्हें चोट को और बढ़ाने की आदते हैं।”
उमर अब्दुल्ला ने दावा करते हुए कहा कि हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर ग्राम रक्षकों को हथियार देने का सरकार का निर्णय विफलता को स्वीकार करना है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करते समय भाजपा ने दावा किया था कि यहां बंदूक संस्कृति कम होने लगेगी, जो झूठा साबित हुआ है। राजौरी में जिस तरह का हमला हमने देखा और कश्मीर में जो हालात हैं। सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई जा रही है, यह सब इस बात की ओर इशारा करता है कि स्थिति नियंत्रण में नहीं है। सरकार अब ये कदम उठाने के लिए मजबूर है।