scriptकर्नाटक में सरकारी कार्यालयों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से हटा प्रतिबंध, एक दिन पहले ही लगाई थी रोक | Karnataka withdraws ban on photography, videography at government offices | Patrika News
नई दिल्ली

कर्नाटक में सरकारी कार्यालयों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से हटा प्रतिबंध, एक दिन पहले ही लगाई थी रोक

कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी दफ्तरों में फोटो और वीडियो खींचने पर लगाई गई रोक को वापस ले लिया गया है। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध सरकारी की हो रही बदनामी को देखते हुए लगाया गया था, जिसे DPAR के उप सचिव ने वापस ले लिया है।

नई दिल्लीJul 16, 2022 / 12:13 pm

Archana Keshri

Karnataka withdraws ban on photography, videography at government offices

Karnataka withdraws ban on photography, videography at government offices

कर्नाटक की भाजपा सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों में आम लोगों के द्वारा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने पर रोक लगा दी थी। वहीं एक दिन बाद ही सरकार ने अपने फरमान को वापस ले लिया है। इसे डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म (DPAR) के उप सचिव ने आदेश देकर वापस लिया है।
दरअसल, फोटो और वीडियो की शूटिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश शुक्रवार (15 जुलाई) को कर्नाटक की स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लाइड एसोसिएशन द्वारा राज्य सरकार को लिखी गई चिट्ठी के आधार पर दिया था। चिट्ठी में कहा गया था कि कुछ लोग सरकारी दफ्तरों में आकर फोटो और वीडियो खींच कर उन्हें तंग करते हैं। DPAR ने शुक्रवार को चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा कि इस चिट्ठी में जो बातें लिखी गई हैं वो जायज लग रही है और उसको ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में जो आम लोग किसी काम के सिलसिले में आते हैं, वह वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी नहीं कर सकते हैं।
इसके लिए सरकार ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया था, जिसमें कहा गया कि सरकारी कार्यालयों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से वहां काम करने वाली महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आदेश में कहा गया कि कुछ लोग काम के घंटों के दौरान सरकारी कार्यालयों में फोटो और वीडियो लेने आते हैं और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं। इससे सरकार की बदानामी हो रही है, इसलिए यह प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।

यह भी पढ़ें

कौन हैं राज्यसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक बने डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी, अब क्या होगी उनकी जिम्मेदारी?

वहीं इस आदेश के बाद कई समाज सेवी संगठन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लगने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन्होंने इस आदेश को गलत और गैरकानूनी बताया। उनके मुताबिक सरकार के ऐसे आदेश भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकते हैं। कहा गया गी सरकार इस आदेश के जरिए अपनी नाकामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है, और सरकारी कर्मचारी संघ की चिट्ठी के आड़ में अपने भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश कर रही है।

यह भी पढ़ें

आम आदमी पर GST का बोझ: 18 जुलाई से ये सामान और सेवाएं हो जाएंगी महंगी, देखिए पूरी लिस्ट

Hindi News / New Delhi / कर्नाटक में सरकारी कार्यालयों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी से हटा प्रतिबंध, एक दिन पहले ही लगाई थी रोक

ट्रेंडिंग वीडियो