कांवड़ियों को नहीं होगी कोई परेशानी
पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि इस यात्रा के दौरान सुविधाओं को बेहतर बनाने से मेरा भावनात्मक लगाव है, क्योंकि बचपन में मैं अपनी मां को लगातार तीर्थ यात्रा पर जाते देखता था। मैंने यात्रा की कठिनाइयों और जरूरतों को देखा था। भगवान ने मुझे अवसर दिया और मैं पर्यटन विभाग का मंत्री हूं। मेरी इच्छा है कि हम श्रद्धा के साथ जा रहे कांवड़ियों को कोई कठिनाई न होने दें।
शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर
नीतीश मिश्रा ने कहा कि पिछले साल करीब 75 लाख कांवड़िये पहुंचे थे। इस बार इससे ज्यादा पहुंचने का अनुमान है। इस यात्रा के इंतजाम में तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने मीडिया से दिए गए फोन नंबर को अधिक से अधिक प्रसारित करने का आह्वान किया ताकि किसी भी तरह की परेशानी होने पर कांवड़िये पर्यटन विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकें। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस नंबर पर प्राप्त शिकायतों का तुरंत समाधान करने का प्रयास करेगा।
पर्यटन विभाग ने तैयार किया एक मोबाइल ऐप
मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग ने एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया है। इसके जरिए भी कांवड़िए शिकायत कर सकते हैं। यात्रा मार्ग पर लोगों को यह बताने के लिए संकेतकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है कि अगला पड़ाव कितनी दूर है। साथ ही इस बार सुल्तानगंज से देवघर तक यात्रा करने वालों की संख्या गिनने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। तकनीक के समावेश से श्रद्धालुओं की संख्या की गणना की जाएगी।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने नेम प्लेट लगाने के फैसले का किया स्वागत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए दावा किया है कि मुस्लिम समाज कांवड़ियों का दिल खोलकर स्वागत करेगा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नई दिल्ली मोतिया खान स्थित कार्यालय – कलाम भवन में शनिवार शाम बुलाई गई आपात बैठक में शामिल मुस्लिम समाज से जुड़े बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के उस आदेश का समर्थन किया, जिसमें होटलों, ढाबों, ठेलों आदि पर उसके मालिकों या संचालकों के नाम लिखने को कहा गया है।
ताकि न बिगड़े सामाजिक सौहार्द
मंच के मुताबिक, योगी सरकार ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि सामाजिक सौहार्द न बिगड़े और आस्था में डूबे लोगों को अपनी इच्छानुसार पवित्र सामग्री मिल सके। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक में यह विश्वास जताया गया कि मुस्लिम विक्रेता भी हिंदू समाज की आस्था के मुताबिक शुद्धता का ध्यान रखते हुए उन्हें सामान उपलब्ध कराएंगे। इससे देश की गंगा जमुनी तहजीब भी बनी रहेगी और संस्कृति को भी ठेस नहीं पहुंचेगी।