कंगना के 4 सबसे विवादित बयान
1. भाई-भतीजावाद की कहानी सामने आई
“कॉफी विद करण” के आलीशान सोफे पर मंच तैयार था, जहां कंगना रनौत ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए होस्ट करण जौहर को “भाई-भतीजावाद का झंडाबरदार” करार दिया। इस एक बयान ने बहस की आग को हवा दे दी, बॉलीवुड में गहरे तक पैठ जमाए भाई-भतीजावाद को उजागर कर दिया और कंगना को इंडस्ट्री के अभिजात वर्ग के साथ टकराव के रास्ते पर ला खड़ा किया।2. भारत की स्वतंत्रता, कंगना का दृष्टिकोण
2021 में एक समाचार शिखर सम्मेलन में, कंगना ने भारत की स्वतंत्रता पर अपनी भड़काऊ टिप्पणियों से आग लगा दी। उन्होंने विवादास्पद रूप से कहा कि 1947 में प्राप्त स्वतंत्रता “भिक्षा” के समान थी, जबकि सच्ची स्वतंत्रता 2014 में ही प्राप्त हुई। उनकी टिप्पणियों पर नाराजगी जताई गई, कई लोगों ने उन पर इतिहास को फिर से लिखने और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर करने का आरोप लगाया।3. ट्विटर युद्ध और निलंबन
ट्विटर जगत को हिला देने वाले डिजिटल द्वंद्व में, कंगना ने खुद को पश्चिम बंगाल में कथित घृणास्पद भाषण और सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने के लिए कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ पाया। उनका अकाउंट निलंबित कर दिया गया, जिसके कारण दो साल का प्रतिबंध लगा, फिर उन्हें बहाल कर दिया गया। इस घटना ने एक उग्र सितारे के हाथों में सोशल मीडिया की शक्ति और खतरों को उजागर किया।4. ऋतिक रोशन के साथ झगड़ा: एक कानूनी लड़ाई
कंगना के सबसे कुख्यात विवादों में से एक बॉलीवुड सुपरस्टार ऋतिक रोशन के साथ उनके कथित संबंध को लेकर था। एक निजी मामले के रूप में शुरू हुआ यह मामला जल्द ही सार्वजनिक तमाशे में बदल गया, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर धोखे और हेरफेर का आरोप लगाया। यह झगड़ा कानूनी लड़ाई और सार्वजनिक रूप से बदनामी में परिणत हुआ, जिससे दोनों सितारों की प्रतिष्ठा धूमिल हुई और टैब्लॉयड को गपशप के लिए पर्याप्त चारा मिल गया।क्या बन पाएगी रियल लाइफ लीडर
अगर कंगना मंडी लोकसभा सीट जीत जाती हैं, तो वह वैजयंतीमाला और हेमा मालिनी के बाद संसदीय चुनाव जीतने वाली तीसरी महिला बॉलीवुड मेगास्टार होंगी। उनके कई पुरुष समकक्ष, जैसे सुनील दत्त, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा न केवल रील से रियल राजनीति की दुनिया में सफल सियासतदान साबित हुए, इन नेताओं की राजनीति में मौजूदगी सिर्फ संसद सदस्य तक ही नहीं रही बल्कि मंत्री पद भी प्राप्त किया। क्या कंगना इस मामले में भी हेमा मालिनी और वैजयंतीमाला से आगे निकल सकती हैं, यानी नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद के अगले दौर में मंत्री पद प्राप्त कर सकती हैं? इसका जवाब 4 जून के बाद ही मिल सकेगा। इसी के साथ इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा कि रील लाइफ की इंदिरा गांधी, क्या रियल लाइफ में उस मुकाम वाली लीडर बन पाएंगी?