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‘जज फेसबुक न चलाएं, संन्यासी की तरह रहें, घोड़े की तरह काम करें’, Supreme Court के जस्टिस ने क्यों की ऐसी टिप्पणी?

Supreme Court News: मध्य प्रदेश की महिला न्यायिक अधिकारी बर्खास्तगी का मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी. वी. नागरत्ना (Justice B.V. Nagrathna) ने कहा कि जजों को फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोग से दूर रहना चाहिए। जज ने किस संदर्भ में ऐसा कहा,आइए जानते हैं।

नई दिल्लीDec 13, 2024 / 12:27 pm

स्वतंत्र मिश्र

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मध्यप्रदेश की दो महिला न्यायाधीशों की बर्खास्तगी से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice B.V. Nagrathna) ने कहा कि जजों को फेसबुक आदि सोशल मीडिया का उपयोग करने से बचना चाहिए। खास तौर पर उन्हें सोशल मीडिया पर निर्णयों के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए।

फेसबुक पर टिप्पणी करने के चलते हुई महिला जज बर्खास्त

जस्टिस नागरत्ना (Justice B.V. Nagrathna) और जस्टिस एनके सिंह (Justice N. K. Singh) की बेंच में सुनवाई के दौरान बताया गया कि एक महिला अधिकारी की बर्खास्तगी के कारणों में उनकी फेसबुक पर टिप्पणियां भी शामिल हैं। इस पर जस्टिस नागरत्ना ने सवाल उठाया कि जजों ने यह सब फेसबुक पर क्यों डाला। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।

जजों को करने होते हैं बहुत त्याग : Justice B.V. Nagrathna

जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों और जजों को कितने त्याग करने पड़ते हैं। यदि आप स्वतंत्रता चाहते हैं तो न्यायिक सेवा में न आएं। जजाें के बीच दिखावटीपन के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने जजों के संदर्भ में कहा कि संन्यासी की तरह जियो और घोड़े की तरह काम करो।

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