बता दें कि साहिबगंज के बड़हरवा में टेंडर विवाद के बाद मनी लांड्रिंग के तहत पूरे मामले का अनुसंधान कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उनके सहयोगी व पत्थर व्यवसायियों के 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। जून 2020 में बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के मामले में यह जांच हो रही है।
जानकारी के मुताबिक ED ने पंकज मिश्रा को प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया है। पंकज मिश्रा को ED ने उत्तराखंज के रूद्रप्रयाग से हिरासत में लिया था। इस मामले में शनिवार को झामुमो कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पंकज मिश्रा ने कहा, “केंद्र सरकार ने पहले सीबीआइ की टीम को हमारे पीछे लगाया। जब कुछ नहीं हुआ, तो अभी इडी को लगाया गया है। केंद्र अपनी हर एजेंसी लगाकर हमें परेशान करना चाहता है, लेकिन हम घबरानेवाले नहीं हैं। हम झामुमो के एक सच्चे सिपाही हैं और मरते दम तक झामुमो में ही रहेंगे. हम लोग किसी से डरनेवाले नहीं हैं।”
वहीं अब नोटिस में निर्धारित तारीखों को ED के रांची स्थित जोनल ऑफिस में अपना पक्ष रखने के लिए संबंधित लोगों को उपस्थित होने की बात कही गई है। ED ने नोटिस में किसी को 14 तो किसी को 15 जुलाई की तारीख देकर अपना पक्ष रखने का समय दिया है। जिन्हें नोटिस जारी किया गया है उनमें विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, हीरा भगत (पत्थर व्यापारी), छोटू यादव (पत्थर व्यापारी), वेदु खुडानियां (पत्थर व्यापारी), दाहू यादव (फेरी संचालक), संजय दीवान (ज्वेलर्स), कृष्णा साहा (पत्थर व्यापारी), भगवान भगत (पत्थर व्यापारी), भवेश भगत (पत्थर व्यापारी), सुब्रत पाल (पत्थर व्यापारी), पतरू सिंह, ट्विंकल भगत, राजू भगत, सोनू सिंह (पत्थर व्यापारी व फेरी संचालक) और निमाई शील (पत्थर कारोबारी) शामिल हैं।