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राष्ट्रीय

आदिवासियों के धर्मांतरण रोकने के लिए क्या कर रहे हैं? हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी

Ranchi: झारखंड में आदिवासियों का धर्मांतरण रोकने की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

रांचीJul 25, 2024 / 05:09 pm

Prashant Tiwari

झारखंड में आदिवासियों का धर्मांतरण रोकने की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने दोनों सरकारों से पूछा है कि झारखंड के किन जिलों में आदिवासियों का धर्मांतरण किया जा रहा है और अब तक कितनों को धर्मांतरित किया गया है? कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि इसे रोकने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है? कोर्ट ने दोनों सरकारों को स्टेटस रिपार्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 27 अगस्त मुकर्रर की है।
चंगाई सभा के माध्यम से हो रहा धर्मांतरण

जनहित याचिका सोमा उरांव नामक शख्स की ओर से दाखिल की गई है, जिसमें बताया गया है कि चंगाई सभा जैसे आयोजनों के माध्यम से आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मांतरित कराया जा रहा है। कुछ संगठनों द्वारा षड्यंत्र के तहत यह सब किया जा रहा है। इससे आदिवासियों की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को टारगेट किया जा रहा है। इससे स्वदेशी सांस्कृतिक विरासत के नष्ट होने का खतरा है। इस सिलसिले पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने की जरूरत है।
Jharkhand High Court asked state and central government what are you doing to stop conversion of tribals
जांच के लिए सरकार की ओर से कमेटी बनाई जाए

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि आदिवासियों के धर्मांतरण की जांच के लिए सरकार की ओर से कमेटी बनाई जानी चाहिए। उन्होंने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है, जहां मामले को गंभीरता से लेते हुए देश के राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया है।
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