बरहेट से चुनावी मैदान में है हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है। बरहेट सीट को जेएमएम की अभेद्य किला माना जाता है। वर्ष 1990 से ही इस सीट पर लगातार जेएमएम की जीत पर झंडा लहराता रहा है। बीजेपी ने इस बार हेमंत सोरेन के सामने गमालियल हेंब्रम को उतारा है। हेंब्रम ने पिछला चुनाव आजसू पार्टी के टिकट पर लड़ा था। तब उन्हें मात्र 2573 वोट मिले थे और चौथे स्थान पर रहे थे। लेकिन इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में है।
गांडेय से प्रत्याशी है कल्पना सोरेन
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में हेमंत सोरेन की पत्नी
कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) की सियासी किस्मत भी दांव पर है। कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से झामुमो की प्रत्याशी है। बीजेपी ने यहां से मुनिया देवी (Munia Devi) को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस बार हेमंत सोरेन के बाद कल्पना सोरेन जेएमएम की बड़ी और लोकप्रिय स्टार प्रचारक रही हैं। बता दें कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन राजनीति में आईं और इस सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचीं थी। कल्पना सोरेने को चुनौती देने के लिए बीजेपी प्रत्याशी मुनिया देवी ने खूब प्रचार अभियान चलाया है।
दुमका सीट से बसंत सोरेन है प्रत्याशी
शिबू सोरेन के सबसे छोटे पुत्र बसंत सोरेन दुमका विधानसभा सीट से जेएमएम के प्रत्याशी हैं। फिलहाल बसंत सोरेन यहां से विधायक हैं। उन्हें बीजेपी के
सुनील सोरेन कड़ी चुनौती दे रहे हैं। सुनील सोरेन दुमका से सांसद रहे हैं और उनकी इलाके में मजबूतप पहचान भी रही है। वर्ष 2019 में उन्होंने यहां शिबू सोरेन को पराजित किया था और इस वजह से उन्हें संथाल परगना में बीजेपी के गेम चेंजर प्लेयर के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने वर्ष 2005 में शिबू सोरेन के बड़े पुत्र दुर्गा सोरेन (अब दिवंगत) को जामा विधानसभा सीट पर पराजित किया था और सियासी तौर पर यहां स्थापित हुए थे।
जामताड़ा से चुनावी मैदान में है सीता सोरेन
बीजेपी ने जामताड़ा विधानसभा सीट पर हेमंत सोरेन की भाभी
सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि सोरेन परिवार की वह पहली और एकमात्र सदस्य हैं जिन्होंने शिबू सोरेन की पार्टी जेएमएम से अलग होकर अपना रैजानीतिक ठिकाना किसी और पार्टी को बनाया है। वह पिछले लोकसभा चुनाव के समय सोरेन परिवार पर उपेक्षा और सौतेला सलूक करने का गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा में शामिल हुई थीं। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में उन्हें दुमका सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन बेहद करीबी मुकाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।