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Anglo Indian Community: झारखंड विधानसभा में इस बार नहीं दिखेंगे विधायक नंबर 82, इनका कटा पत्ता

Jharkhand Vidhan Sabha Anglo Indian: देश की संसद और कई अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी 1952 से चली आ रही संवैधानिक व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।

रांचीNov 25, 2024 / 07:23 pm

Akash Sharma

Jharkhand Assembly

Jharkhand Vidhan Sabha Anglo Indian MLA: झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद निर्वाचन आयोग ने 81 नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची राज्यपाल को सौंप दी है। इसके साथ ही नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार गठित होने वाली विधानसभा में सदस्यों की संख्या 82 से घटकर 81 रह गई है। इसकी वजह यह है कि विधानसभा में 82वें विधायक के रूप में एंग्लो इंडियन समुदाय (Anglo Indian Community) के किसी व्यक्ति को मनोनीत करने की संवैधानिक व्यवस्था अब समाप्त हो गई है।
Jharkhand Vidhan Sabha

ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन देश के आखिरी एंग्लो इंडियन

वर्ष 2019 में झारखंड की पांचवीं विधानसभा का गठन होने के बाद राज्य सरकार ने मैकलुस्कीगंज निवासी ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन को सदन के 82वें सदस्य के रूप में मनोनीत किया था। पांचवीं विधानसभा के विघटन की अधिसूचना जारी होते ही उनका यह स्टेटस समाप्त हो जाएगा। ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन कहते हैं कि उन्हें इस बात का दुख है कि अब एंग्लो इंडियन समुदाय का कोई भी व्यक्ति झारखंड की विधानसभा में नहीं दिखेगा। देश की संसद और कई अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी 1952 से चली आ रही संवैधानिक व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।

भारत के संविधान में आर्टिकल 344b में है उल्लेख

भारत के संविधान के अनुच्छेद 334b (Article 334b) में यह व्यवस्था की गई थी लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के अधिकतम दो सदस्यों का मनोनयन भारत के राष्ट्रपति करते थे, वहीं अनुच्छेद 333 (Article 333) के अंतर्गत राज्यों की विधानसभाओं में अधिकतम एक सदस्य को मनोनीत करने का अधिकार राज्यपाल के पास था। जनवरी, 2020 में संसद में पारित 126वें संविधान संशोधन (126th Constitution Amendment) के जरिए संसद और देश के 13 राज्यों की विधानसभाओं में एंग्लो इंडियन समुदाय के मनोनयन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई।

झारखंड जब एकीकृत बिहार का हिस्सा था, तब…

झारखंड जब एकीकृत बिहार का हिस्सा था, तब वहां विधानसभा के सदस्यों की संख्या 325 होती थी। 324 विधायक विभिन्न क्षेत्रों से निर्वाचित होते थे। जबकि, 325वें सदस्य के रूप में एंग्लो इंडियन समुदाय से एक व्यक्ति का मनोनयन होता था। झारखंड जब वर्ष नवंबर 2000 में अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया, तब एंग्लो इंडियन विधायक का कोटा बिहार से झारखंड स्थानांतरित हो गया। इसके बाद जोसेफ पंचोली ग्लेस्टिन 2005 में पहले एंग्लो इंडियन विधायक मनोनीत किए गए। 2009 में उनका दूसरी बार मनोनयन हुआ। 2014 और 2019 में उनके पुत्र ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन विधायक मनोनीत किए गए थे।
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