Supreme Court के इस बड़े फैसले के बाद इतिहास बन गई ये एयरलाइन, बिकेंगी सारी संपत्तियां
Jet Airways Liquidation: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज यानी गुरूवार, 07 नवंबर को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयवेज के लिक्विडेशन का आदेश दिया है।
Jet Airways: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज यानी गुरूवार, 07 नवंबर को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयवेज के लिक्विडेशन (Liquidation Order) का आदेश दिया है। अब कंपनी की परिसंपत्तियाें की नीलामी कराकर रकम ऋणदाताओं को दी जाएगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI DY Chandrachud) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया। बेंच ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय प्राधिकरण (NCLAT) के जेट एयरवेज के स्वामित्व को जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (JKC) को हस्तांतरित करने की अनुमति वाले फैसले को भी पलट दिया।
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सुनवाई के दौरान अजीबोगरीब और चिंताजनक परिस्थिति को देखते हुए लिक्विडेशन का आदेश देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 (Article 142) के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया। समाधान योजना 5 साल तक लागू न होने पर कोर्ट ने फैसला दिया है। JKC की ओर से भुगतान की गई 200 करोड़ रुपये की राशि जब्त कर ली गई है। साथ ही कोर्ट ने NCLT की मुंबई पीठ को एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का निर्देश दिया है। बता दें कि जेट एयरवेज ने वित्तीय संकट के कारण 2019 में विमानों का परिचालन बंद कर दिया।
350 करोड़ रुपये का दावा
कंसोर्टियम ने रिजॉल्यूशन प्लान के तहत जेट एयरवेज का स्वामित्व पाने के लिए 350 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का वादा किया था। मामले में NCLAT ने मार्च में समाधान योजना को बरकरार रख स्वामित्व JKC को सौंपने की मंजूरी दी और एयरवेज के ऋणदाताओं को कंसोर्टियम द्वारा जमा 150 करोड़ रुपये समायोजित करने को कहा। इस पर SBI समेत अन्य ऋणदाता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। लेंडर्स ने यह भी आरोप लगाया कि वे हर महीने लगातार 22 करोड़ रुपये के हिसाब से हवाई अड्डे के शुल्क और अन्य खर्चों का भुगतान कर रहे हैं, और अब तक 350 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुके हैं।इसके बाद दिवालिया समाधान योजना के तहत 2021 में JKC ने इसे बोली लगाकर खरीदा, लेकिन ऋणदाताओं ने विवाद शुरू कर दिया।