शक्ति कुमार ने ही सबसे पहले मोबाइल एप के माध्यम से प्रश्न पत्र स्कैन कर व्हाट्सएप के माध्यम से कपिलदेव को भेजा था, जिसके बाद प्रश्न पत्र वायरल हो गया था। EOU के अनुसार, गिरफ्तार शक्ति कुमार गया के डेल्हा के ही न्यू कालोनी का रहने वाला है। उसने वर्ष 2010 में डेल्हा में किराये के मकान में रामशरण सिंह इवनिंग कालेज नाम से प्राइवेट कालेज खोला था, जिसमें वह खुद प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। 2011 में इस कॉलेज को एफिलिएशन मिला था, बीते 4 सालों से इस कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई। इसी बीच बीते 8 मई को कॉलेज में BPSC की परीक्षा भी आयोजित की गई थी।
EOU के सूत्रों के अनुसार राम शरण सिंह इलनिंग कॉलेज में प्रश्न पत्र पहुंचने के साथ ही प्रिंसिपल शक्ति कुमार ने उसे मोबाइल एप से सुबह करीब सवा दस बजे स्कैन कर लिया था और साढ़े 10 बजे कपिलदेव को व्हाट्सएप पर भेज दिया था। फरार चल रहा कपिलदेव भारत सरकार के सीडीए में कर्मचारी है। शक्ति कुमार द्वारा भेजे गए प्रश्नपत्र को उसी ने प्रवीण को भेजा था। जिसके बाद धीरे-धीरे पिछले दिनों में गिरफ्तार हुए अभियुक्तों के मोबाइल पर पहुंचा।
बताया जा रहा है कि शक्ति कुमार जनता दल यूनाइटेड (JDU) का नेता है। इससे पहले वह उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) का प्रदेश संगठन सचिव रह चुका था। हालांकि जब RLSP का JDU में विलय हुआ तो शक्ति कुमार ने भी JDU ज्वाइन कर लिया। पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी के बाद शक्ति कुमार को EOU के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। जहां से विशेष कोर्ट ने उनको न्यायिक हिरासत में लेते हुए 6 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया।
गौरतलब है कि रविवार 8 मई, 2022 के दिन 67वीं बीपीएससी की पीटी परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था, जो की वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुआ था। उसके बाद इस पूरे मामले के कारण आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे। अबतक इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं EOU की विशेष कोर्ट पेपर लीक मामले में IPC की धारा 420, 467, 468 व 120बी, 66 IT एक्ट व बिहार परीक्षा नियमावली के तहत केस दर्ज कर मामले की सुनवाई कर रही है।