20 किलो सोने के गहनों को बेचा या नीलाम किया जाएगा
इनमें 20 किलो के गहनों को बेचा या नीलाम किया जा सकेगा। उनकी मां से मिले गहनों को इस प्रक्रिया से मुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार यह मुकदमा तमिलनाडु की जगह कर्नाटक में चलाया गया था। जिसमें सभी प्रासंगिक सबूत अभी कोर्ट की कस्टडी में कर्नाटक के खजाने में रखे गए हैं। विशेष सीबीआइ कोर्ट ने जयललिता के भतीजे व भतीजी की याचिका खारिज करते हुए कहा, जयललिता का परिवार उन संपत्तियों का हकदार नहीं है, जो राज्य ने जब्त की हैं।
पिछले महीने ही दिया गया था निर्देश
जज एचए मोहन ने पिछले महीने ही जयललिता के कीमती गहनों को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करके उसके निस्तारण के लिए जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार यह मुकदमा कर्नाटक में चलाया गया था, जिससे सभी प्रासंगिक सुबूत वर्तमान में कोर्ट की कस्टडी में कर्नाटक के खजाने में रखे गए थे। इसमें कर्नाटक सरकार द्वारा जयललिता से आय से अधिक संपत्ति मामले में जब्त की गई वस्तुओं की नीलामी के माध्यम से खर्च की गई राशि के मुआवजे की मांग की गई है।
अदालत ने लगाया था 100 करोड़ रुपये का जुर्माना
कोर्ट ने जयललिता से जब्त आभूषणों की नीलामी की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। जब्त कीमती गहनों को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया। जज ने कहा कि गहनों की नीलामी करने के बजाय, उन्हें तमिलनाडु राज्य के गृह विभाग को सौंपकर तमिलनाडु को हस्तांतरित करना बेहतर है।
अदालत ने तब निर्देश जारी किया कि तमिलनाडु का गृह विभाग पुलिस के साथ सचिव स्तर के व्यक्तियों को आने और गहने इकट्ठा करने को अधिकृत करे। 27 सितंबर 2014 को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को चार साल जेल की सजा सुनाई थी व 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। जयललिता की जब्त की गई कीमती चीजों को सार्वजनिक नीलामी से आरबीआइ या एसबीआइ को बेचने का भी निर्देश था।