विल्सन के साथ लगभग एक घंटे की वार्ता में कोठारी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की नीतियों, सत्तारूढ़ पार्टी की ताकत, केंद्र सरकार के साथ उसके रिश्ते और हिन्दी भाषा की महत्ता पर बात की। विल्सन ने द्रमुक सरकार की कल्याणकारी नीतियों का हवाला दिया और जोर देते हुए कहा कि हम हिन्दी अथवा किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं हैं। हमें दो भाषायी फॉर्मूला इसलिए पसंद है ताकि बच्चों पर अतिरिक्त भाषा सीखने का जोर नहीं पड़े।
इससे पहले अपने तीन दिवसीय बेंगलूरु दौरे के दौरान कोठारी ने राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य प्रमुख लोगों से चर्चा की। बेंगलूरु में कोठारी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों- एम वीरप्पा मोइली (कांग्रेस) और बी.एस. येडियूरप्पा (भाजपा) के साथ ही केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव, पूर्व मंत्री आर. वी. देशपांडे, राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया (भाजपा) से कर्नाटक और दक्षिणी राज्यों के राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की। इसके साथ ही कोठारी ने समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की। पहले चरण में कोठारी ने हैदराबाद और तिरुवनंतपुरम का भी दौरा किया था।