अचानक कहीं से आ गया लंगूर, सब चौंक गए
पूरा मामला है, चाकुलिया प्रखंड के कालापाथर गांव निवासी 80 वर्षीय गौरांग चन्द्र पाल का निधन बीते सोमवार को हो गया। उनके अंतिम संस्कार के पूर्व उनका शव अंतिम दर्शन के लिए घर के आंगन में चारपाई पर रखा गया था। लोग उनके अंतिम दर्शन कर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर रहे थे। इसी बीच कहीं से एक लंगूर आ पहुंचा। वह चारपाई पर स्व. पाल के सिरहाने बैठकर उनका सिर और चेहरा सहलाने लगा। उसने गौरांग चन्द्र पाल के पार्थिव शरीर पर अन्य लोगों की तरह पुष्प अर्पित किया।
पूरा मामला है, चाकुलिया प्रखंड के कालापाथर गांव निवासी 80 वर्षीय गौरांग चन्द्र पाल का निधन बीते सोमवार को हो गया। उनके अंतिम संस्कार के पूर्व उनका शव अंतिम दर्शन के लिए घर के आंगन में चारपाई पर रखा गया था। लोग उनके अंतिम दर्शन कर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर रहे थे। इसी बीच कहीं से एक लंगूर आ पहुंचा। वह चारपाई पर स्व. पाल के सिरहाने बैठकर उनका सिर और चेहरा सहलाने लगा। उसने गौरांग चन्द्र पाल के पार्थिव शरीर पर अन्य लोगों की तरह पुष्प अर्पित किया।
लंगूर इसके पहले कभी नहीं दिखा था – मुखिया ने बताया
इस दौरान लंगूर ने किसी को किसी प्रकार से परेशान नहीं किया। बाद में जब उनकी अंतिम यात्रा निकली तो गांव के लोगों के साथ वह भी श्मशान घाट तक पहुंचा। वहां भी वह चिता के पास बैठा रहा। अंतिम संस्कार के बाद लंगूर वापस चला गया। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पंचायत के मुखिया शिवचरण हांसदा ने बताया कि यह लंगूर इसके पहले कभी नहीं दिखा था।
इस दौरान लंगूर ने किसी को किसी प्रकार से परेशान नहीं किया। बाद में जब उनकी अंतिम यात्रा निकली तो गांव के लोगों के साथ वह भी श्मशान घाट तक पहुंचा। वहां भी वह चिता के पास बैठा रहा। अंतिम संस्कार के बाद लंगूर वापस चला गया। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पंचायत के मुखिया शिवचरण हांसदा ने बताया कि यह लंगूर इसके पहले कभी नहीं दिखा था।