जम्मू-कश्मीर को जल्द मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा, 370 के खात्मे के साथ केंद्र शासित प्रदेश बन गया था भारत का ताज
Jammu & Kashmir: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री (एमओएस) रामदास अठावले ने गुरुवार को बताया कि केंद्र इस साल अक्टूबर से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की घोषणा कर सकता है।
भारत के सबसे ज्यादा खूबसूरत राज्यों में से एक और देश का ताज कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र की मोदी सरकार बड़ा ऐलाने करने जा रही है। 5 अगस्त 2024 को घाटी से आर्टिकल 370 के खात्मे के 5 साल पूरे होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री ने सितंबर में विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान किया था। वहीं, अब एक और केंद्रीय मंत्री ने ये दावा किया है कि मोदी सरकार अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर विचार कर रही है। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने घाटी से आर्टिकल 370 और 35 A को खत्म करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया था।
अक्टूबर से पहले घाटी को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा-रामदास अठावले
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री (एमओएस) रामदास अठावले ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। इस दौरान यहां मीडिया को संबोधित करते हुए, एमओएस ने कहा, “केंद्र इस साल अक्टूबर से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की घोषणा कर सकता है। अक्टूबर में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। अक्टूबर से पहले महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में चुनाव होने हैं। मंत्री ने कहा,मुझे लगता है कि अक्टूबर से पहले राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकता है और अक्टूबर में चुनाव भी हो सकते हैं।”
रिकॉर्ड तोड़ मतदान करें मतदाता उन्होंने लोगों से रिकॉर्ड तोड़ मतदान करने की अपील की। उन्होंने दोहराया कि गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के समय घोषणा की थी कि विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। उन्होंने लोकसभा चुनावों में यहां भारी मतदान और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोगों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने बताया कि श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ उनकी आधे घंटे की बैठक काफी सार्थक रही।
370 हटने के बाद तेजी से बदले घाटी के हालात केंद्रीय मंत्री ने कहा,“अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से पर्यटन में काफी वृद्धि हुई है। विदेशियों सहित 2.11 करोड़ से अधिक पर्यटक यहां आ चुके हैं। लोग अब कश्मीर जाने से नहीं डरते। पहले वे आना चाहते थे, लेकिन आतंकवाद उन्हें यहां आने से रोक रहा था। उपराज्यपाल ने मुझे बताया कि कुछ अप्रिय घटनाओं के बावजूद शांति बनी हुई है।”