भारतीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को देश के ताज जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने बताया कि घाटी में 20 अगस्त से चुनाव की प्रक्रिया शुरु होगी और 4 अक्टूबर को चुनाव के नतीजों का ऐलान होगा। बता दें कि घाटी में पूरे 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। पिछले 10 साल के दौरान जैसे चिनाब में बहुत पानी बह गया है वैसे ही घाटी की राजनीति भी पूरी तरह से बदल गई है। आखिरी बार जब घाटी में चुनाव हुआ था उस वक्त पीडीपी प्रमुख और पूर्व गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद और और नेशनल क्रान्फ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला प्रमुख चेहरा थे। लेकिन इस बार हालात बदले हुए है। पीडीपी की कमान जहां सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती तो नेशनल क्रान्फ्रेंस की कमान उमर अब्दुल्ला के पास है।
आखिरी बार 2014 में हुआ था विधानसभा चुनाव जानकारी के लिए बता दें कि घाटी में आखिरी बार विधानसभा का चुनाव 2014 में हुआ था। इस चुनाव में पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वही, बीजेपी 25 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नेशनल कांन्फ्रेंस ने 15, कांग्रेस ने 12 निर्दलियों ने 3 और अन्य ने 4 सीटों पर जीत दर्ज किया था।
10 साल बाद घाटी में होगा चुनाव जम्मू-कश्मीर में जब आखिरी बार चुनाव हुआ उस वक्त सूबे में जम्मू-कश्मीर का खुद का संविधान लागू था। जिसके मुताबिक वहां के मुख्यमंत्री का कार्यकाल 6 साल का होता था। लेकिन 19 जून 2018 में महबूबा मुफ्ती की सरकार के गिरने और अगस्त 2019 में घाटी से धारा 370 और 35 A के हटने की वजह से अब तक चुनाव नहीं हो पाया था। कश्मीर से 370 के हटने और लद्दाख के अलग राज्य बनने के बाद पिछले पांच साल से वहां एलजी (उपराज्यपाल) का शासन था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 30 सितंबर 2024 से पहले घाटी में चुनाव कराना जरुरी था। ऐसे में घाटी के लोगों को अपने अगले मुख्यमंत्री के लिए 10 साल का इंतजार करना पड़ा।
घाटी को 4 अक्टूबर को मिलेगी अपनी सरकार घाटी से 370 के हटने और केंद्रशासित प्रदेश बनने के पांच साल लंबे इंतजार के बाद 4 अक्टूबर को अपनी नई सरकार मिलेगी। चुनाव आयोग के ऐलान के बाद 3 चरणों में चुनाव होंगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि घाटी में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। वही मतों की गिनती 4 अक्टूबर को घोषित की जाएगी।