गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान हाफिज अब्दुल्ला मलिक ( Hafiz abdullah Malik ) निवासी गंजीपोरा के रूप में हुई है। मौके पर सुरक्षाबलों ने जहां उसके कब्जे से एक पिस्तौल और उसके सात राउंद बरामद किए। बाद में उसके बताए ठिकाने से एक एके-47, दो मैगजीन, चालीस राउंद भी बरामद किए हैं।
यह भी पढ़ेँः पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को फिर किया नजरबंद, शोपियां जाने की थी योजना, पुलिस ने बंद किए घर के मेन गेट जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है, करीब तीन महीने की तलाशी के बाद हाफिज उनके हत्थे चढ़ा है। दरअसल पुलिस के मुताबिक उन्हें तीन महीने पहले ही इस बात का पता चला कि हाफिज आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम कर रहा है।
इससे पहले कि वे उसे गिरफ्तार करते वह लापता हो गया। इसके बाद से ही हाफिज की तलाश जारी थी।
25 सितंबर को उन्हें यह सूचना मिली कि हाफिज टीआरएफ का सक्रिय आतंकी बन गया है। सोमवार तड़के पुलिस को सूचना मिली कि हाफिज ऐशमुक्काम के वहादान इलाके में छिपा हुआ है।
25 सितंबर को उन्हें यह सूचना मिली कि हाफिज टीआरएफ का सक्रिय आतंकी बन गया है। सोमवार तड़के पुलिस को सूचना मिली कि हाफिज ऐशमुक्काम के वहादान इलाके में छिपा हुआ है।
सूचना के आधार पर पुलिस की एसओजी और सेना के 3RR बटालियन का संयुक्त दल वहादान इलाके में पहुंचा। यहां पर हाफिज की तलाश शुरू हो गई। जब सुरक्षाबलों ने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से एक पिस्तौल व उसके राउंछ बरामद हुए।
पूछताछ करने पर हाफिज ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने कुछ हथियार काट्सू के जंगलों में भी छिपा रखे हैं।
पूछताछ करने पर हाफिज ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने कुछ हथियार काट्सू के जंगलों में भी छिपा रखे हैं।
यह भी पढ़ेँः Jammu Kashmir: आतंकियों के निशाने पर सिक्योरिटी कैंप, फिदायीन हमले की आशंका हाफिज की बताई जगह पर एक गश्ती दल भेजा गया, जहां से तलाशी के दौरान एक एके-47, उसकी दो मैगजीन व 40 राउंड मिले।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक इन हथियारों की मदद से आतंकी किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। हाफिज भी किसी हमले की फिराक में आया था। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि हाफिज से टीआरएफ और लश्कर से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।