15 दिन बाद स्वस्थ
भगवान जगन्नाथ बीमार होने के 15 दिन बाद स्वस्थ हुए हैं, तब तक उनकी प्रतिमूर्ति की पूजा हो रही थी। इसके बाद भगवान का पट खुलेगा और चंदन लगी विधान होगा। खिचड़ी प्रसाद और सेना पोटा लागी विधान में 4 से 5 घंटे लग जाएंगे। इसके बाद मंगला अर्पण होगा। दोपहर 12.30 बजे पहंडी निकलेगा। भगवान मंदिर से निकलकर रथ पर सवार होंगे। इसके बाद उनका श्रृंगार होगा। इस तरह दोपहर 2.30 बजे तक भगवान तैयार होंगे।सबसे आगे होगा बलभद्र जी का रथ
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य माधव चंद्र पूजापंडा ने बताया कि शाम 5 बजे गजपति महाराज यानी पुरी के राजा दिव्यसिंह देबा छेरा पहरा विधान यानी झाड़ू लगाएंगे और रथ यात्रा शुरू हो जाएगी। सबसे आगे बलभद्र जी का रथ होगा और उनकी गति से ही तय होगा कि यात्रा एक दिन में पूरी हो पाएगी या नहीं। बलभद्र जी के पीछे बहन सुभद्रा का रथ रहता है। सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ। अगर रास्ते में रात हो गई तो यात्रा वहीं रुक जाएगी। अगले दिन सोमवार को स्नान और मंगलआरती के बाद फिर से यात्रा शुरू होगी। 8 जुलाई को गुडिचा मंदिर पहुंचेंगे तो 9 जुलाई को अंदर प्रवेश करेंगे।भक्तों की सुरक्षा का विशेष ध्यान
रथ यात्रा के दौरान भक्तों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य माधव चंद्र पूजापंडा ने बताया कि रथ यात्रा के दौरान दोनों तरफ पर्याप्त जगह रखा जाता है। यह किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति में एंबुलेंस के ग्रीन कोरिडोर बनाने के लिए रहता है। लगातार पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाता है। गर्मी रहने पर आगे-आगे पानी का छिड़काव किया जाता है। जगह-जगह मेडिकल पोस्ट बनाए जा रहे हैं। एक साथ 10 से 15 लाख लोग आ जाने पर मोबाइल नेटवर्क को लेकर समस्या आती है। इसे दूर करने के लिए प्रशासन ने टेलीकॉम कंपनियों से कहकर अस्थायी मोबाइल टावर लगवाए हैं। 24 घंटे बिजली की उपलब्धता रहेगी। दो दिनों तक पुरी के सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। पूरे ओडिशा में सोमवार को सरकारी छुट्टी है।पूरे शहर का किया गया है बीमा
पुरी मंदिर के सुरक्षा अधिकरी ने बताया कि रथ यात्रा के दिन मंदिर के अंदर 1000 से अधिक जवान सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। सड़क किनारे जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि रथ यात्रा के दौरान श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से पूरे म्यूनिसिपल एरिया का बीमा कराया जाता है। रथ यात्रा के दौरान किसी हादसे में मौत होने पर 5 लाख रुपए मुआवजा देने का प्रावधान है।इस बार सुरक्षा ज्यादा चाक-चौबंद
इस बार रथ यात्रा में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू शामिल हो रही हैं। वे दो दिनों तक पुरी में रहेंगी। इस वजह से सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा मजबूत है। इसके अलावा प्रदेश के सभी विधायक, सांसद दर्शन के लिए यहां पहुंचेंगे। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि 180 प्लाटून फोर्स की यहां तैनाती की गई है। शुक्रवार को मॉकड्रील कर तैयारी का जायजा लिया गया।तीन रथ बनते हैं, सभी का नाम अलग-अलग
नंदीघोष में भगवन जगन्नाथ: 16 पहिये वाले इस रथ को बनाने में 742 लकड़ी के टुकड़े लगते हैं। रथ की ऊंचाई 45 फीट 6 इंच होती है।तलध्वज में बलभद्र: 14 पहिये वाले इस रथ को बनाने में लकड़ी के 731 टुकड़े लगते हैं। रथ की ऊंचाई 45 फीट रहती है।
देवदलन में बहन सुभद्रा: इस रथ में 12 पहिये होते हैं। इसे बनाने में 711 लकड़ी के टुकड़े लगते हैं। रथ की ऊंचाई 44 फीट होती है।
सबसे पहले बलभद्र जी का रथ, उनके पीछे सुभद्र और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ रहता है। रात 2 बजे से मंगल आरती, शाम 5 बजे शुरू होगी रथ यात्रा, ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट में एआई का उपयोग
- 53 साल बाद ऐसा मुहूर्त जब नवयौवन दर्शन, नेत्रोत्सव और रथयात्रा एक ही दिन
- पहले दिन 15 लाख भक्तों के आने का अनुमान
- 15 जुलाई को गुडिचा मंदिर से लौटेंगे भगवान जगन्नाथ, 17 को सोने का श्रृंगार
- पूरे शहर का बीमा, रथ यात्रा के दौरान किसी की मौत होने पर पांच लाख का मुआवजा