कोरोना प्रतिबंधों के बिना निकलेगी यात्रा
कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्षों से रथ यात्रा को प्रतिबंधों के बीच निकाला जा रहा था। लेकिन इस बार ये यात्रा बिना कोविड प्रतिबंधों के निकाली जाएगी। यही वजह है कि इस बार यात्रा में लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान लगाया गया है।
इससे पहले सुबह मंगल यात्रा हुई। इस आरती में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया। उन्होंने भगवान जगन्नाथ की आरती की और प्रार्थना भी। बता दें कि अमित शाह वर्षों से इस आयोजन में हिस्सा लेते रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे रथ यात्रा के दौरान भी परिवार के साथ शामिल होंगे।
यह भी पढ़ें – Rathayatra 2022: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से पूर्व आज निकलेगी जल यात्रा यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त
रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए लाखों की तादाद में लोग एकत्र होते हैं। इसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं।
एक जुलाई को भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथयात्रा निकाली जाएगी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि, गुजरात समेत अन्य राज्यों के भी 10 लाख से ज्यादा लोग यात्रा में शामिल हो सकते है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर में पूरे मार्ग पर कम से कम 25 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्षों से रथ यात्रा को प्रतिबंधों के बीच निकाला जा रहा था। लेकिन इस बार ये यात्रा बिना कोविड प्रतिबंधों के निकाली जाएगी। यही वजह है कि इस बार यात्रा में लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान लगाया गया है।
इससे पहले सुबह मंगल यात्रा हुई। इस आरती में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया। उन्होंने भगवान जगन्नाथ की आरती की और प्रार्थना भी। बता दें कि अमित शाह वर्षों से इस आयोजन में हिस्सा लेते रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे रथ यात्रा के दौरान भी परिवार के साथ शामिल होंगे।
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रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए लाखों की तादाद में लोग एकत्र होते हैं। इसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं।
एक जुलाई को भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथयात्रा निकाली जाएगी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि, गुजरात समेत अन्य राज्यों के भी 10 लाख से ज्यादा लोग यात्रा में शामिल हो सकते है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर में पूरे मार्ग पर कम से कम 25 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
किसी भी गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं बड़दांड (जगन्नाथ मंदिर के सामने की सड़क) के दोनों तरफ इमारतों पर शार्प शूटर तैनात किए गए हैं। इस दिन होगा उत्सव का समापन
वहीं ओडिशा के पुरी में भी भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इस साल पूरी भव्यता और उत्साह के साथ रथ यात्रा निकल रही है।
रथ यात्रा का समापन 12 जुलाई को होगा। भगवान का रथ खींचकर पुण्य कमाने की लालसा में लाखों भक्त पुरीधाम पहुंच चुके हैं।
वहीं ओडिशा के पुरी में भी भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इस साल पूरी भव्यता और उत्साह के साथ रथ यात्रा निकल रही है।
रथ यात्रा का समापन 12 जुलाई को होगा। भगवान का रथ खींचकर पुण्य कमाने की लालसा में लाखों भक्त पुरीधाम पहुंच चुके हैं।
रेत से तैयार किए 125 रथ
ओडिशा में निकलने वाली जगन्नाथ यात्रा से पहले सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी अपनी कला के जरिए भगवान जगन्ना को नमन किया। उन्होंने 125 रेत के रथ बनाए गए हैं। पटनायक ने कहा कि इस बार हमने भगवान जगन्नाथ की पवित्र रथ यात्रा को चिह्नित करने के लिए 125 रेत के रथ बनाए हैं। यह हमारा नया विश्व रिकॉर्ड होगा।
यह भी पढ़ें – Rath Yatra Mela: भगवान जगन्नाथ, भैया बलभद्र और बहन सुभद्रा संग नगर भ्रमण पर निकले, जयकारे से गूंजी काशी
ओडिशा में निकलने वाली जगन्नाथ यात्रा से पहले सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी अपनी कला के जरिए भगवान जगन्ना को नमन किया। उन्होंने 125 रेत के रथ बनाए गए हैं। पटनायक ने कहा कि इस बार हमने भगवान जगन्नाथ की पवित्र रथ यात्रा को चिह्नित करने के लिए 125 रेत के रथ बनाए हैं। यह हमारा नया विश्व रिकॉर्ड होगा।
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